कानपुर| कोविड-19 की तीसरी लहर अब समाप्ति की ओर है लेकिन अब चौथी लहर को लेकर भी चर्चाएं सुनने को मिल रही है| भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के गणित और सांख्यिकी विभाग के शोधकर्ताओं ने गासियन वितरण प्रणाली के आधार पर आंकलन करके चौथी लहरा का पूर्वानुमान बताया है| इसके लिए अवर वर्ल्ड इन डाटा नाम की वेबसाइट से कोरोना के अभी तक की आंकड़ों का अध्ययन किया है| यह शोध पत्र मेड आर्किव वेबसाइट पर प्रकाशित कराया जाता है| भारत में चौथी लहर का पूर्वानुमान लगाने के लिए आईआईटी के वैज्ञानिक प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर सुभ्रा संकर धर के निर्देशन में शोधकर्ता सबरा प्रसाद राजेश भाई ने पहली लहर से लेकर अब तक कोरोना के विभिन्न वैरीएंट के प्रचार और उनके प्रभाव पर जारी डाटा का अध्ययन किया है| इसके अलावा डाटा की गासियन वितरण प्रणाली के आधार पर गणना की और चौथी लहर की शिखर का समय निकालने के लिए वोट स्ट्रैप प्रणाली का उपयोग किया है| इनके मुताबिक कोरोनावायरस का पहला मामला विश्व में पहली बार दिसंबर 2019 में सामने आया था जिसके बाद सभी देश वायरस के संक्रमण का शिकार होने लगे| भारत और जिंबाब्वे में तीसरी लहर की आंकड़े लगभग एक समान थे वर्तमान में जिंबाब्वे में चौथी लहर शुरू हो गई है| इसी वजह से जिंबाब्वे के डाटा के आधार पर मान विभाग की टीम ने गासियन मिश्रण प्रणाली का प्रयोग करके भारत में चौथी लहर की आशंका जताई है| डॉक्टर शलब के मुताबिक गणना के आधार पर सामने आया है कि भारत में कोविड-19 की चौथी लहर प्रारंभिक डाटा मिलने की तिथि से 936 दिन बाद आ सकती है| प्रारंभिक डाटा 30 जनवरी 2020 को सामने आया था लिहाजा चौथी लहर 22 जून 2022 से शुरू होने के आसार है| चौथी लहर 23 अगस्त को अपने चरम पर पहुंच सकती है और 24 अक्टूबर को समाप्त हो सकती है| भारत के साथ ही अन्य देशों में डाटा पर भी इसी पद्धति का उपयोग करके चौथी लहर की भविष्यवाणी की जा सकती है|
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