देहरादून| राज्य आंदोलनकारियों को राजकीय सेवाओं में 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण के विधेयक को राजभवन ने विधानसभा को लौटा दिया है| बताते चलें कि यह विधेयक 6 साल पहले विधानसभा से पारित कर राजभवन भेजा गया था| लेकिन तब से विधेयक राजभवन में लंबित था| राजभवन के इस कदम से राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण पर एक बार फिर से उम्मीद बंधी है|
कहा जा रहा है कि सरकार आरक्षण विधेयक को दोबारा सदन से पास कराकर राजभवन को भेज सकती है| ऐसी स्थिति में राजभवन को विधेयक को मंजूरी देनी ही पड़ेगी|
बताते चलें कि यदि राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण के विधेयक को मंजूरी मिलती है| तो राज्य में बड़ी संख्या में लोगों का फायदा मिलेगा| इसके दायरे में राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान शहीद हुए 45 शहीदों के परिजनों के साथ ही 62 गोली खाने वाले घायलों व उनके परिजनों, आंदोलन के दौरान जेल गए लोगों, गंभीर रूप से घायल हुए लोगों और सक्रिय आंदोलनकारियों उनके परिजनों को लाभ मिल मिलेगा|
इस मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, सरकार ने राजभवन से उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी आरक्षण विधेयक को लौटाने का अनुरोध किया था| जिससे उसकी खामियां दूर की जा सके| सरकार राज्य आंदोलनकारियों के हित की रक्षा के प्रति संकल्पित है| सरकार आंदोलनकारियों के हित में उचित निर्णय लेगी|