कांग्रेस के बाद अब भाजपा में भूचाल खड़ा हो चुका है| फिलहाल भाजपा में तूफान शांत होने के आसार बन रहे हैं| मुख्यमंत्री धामी ने देर रात हरक सिंह रावत से बात की| जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि डॉ हरक सिंह रावत शायद इस्तीफा न दे, लेकिन निश्चित तौर पर यह नहीं कहा जा सकता|
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के मुताबिक, हरक की नाराजगी को दूर कर लिया जाएगा|
सुनने में यह भी आ रहा है कि हरक सिंह रावत को मना लिया गया है| शुक्रवार को उन्होंने कैबिनेट बैठक छोड़कर इस्तीफा देने की धमकी दी थी| हरक सिंह रावत कोटद्वार मेडिकल कॉलेज से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं लगाने से नाराज बताए जा रहे थे|
कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत के इस्तीफे की बात सुनकर भाजपा में हलचल पैदा हो गई| वहीं दूसरी ओर रायपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ के भी भाजपा छोड़ने की चर्चा रही, लेकिन देर शाम उन्होंने इससे इनकार कर दिया| उन्होंने कहा कि वह भाजपा के अनुशासित सिपाही है| काऊ को हरक सिंह के करीबियों में माना जाता है| इस घटनाक्रम को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी सक्रिय रहा| भाजपा के कई केंद्रीय नेताओं ने भी उनसे बात की| देर शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत से बात की|
बताते चलें कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत उन विधायकों में शामिल है जो मार्च 2016 के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे| वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार बनने पर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया, हालांकि तब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनका विभिन्न मामलों में 36 का आंकड़ा रहा कई मामलों को लेकर उनकी और तत्कालीन मुख्यमंत्री के बीच तकरार होती रहती थी|
अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद भी कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत इस्तीफा देंगे या नहीं? यह सवाल फिलहाल बना हुआ है|