पिथौरागढ़ की प्रसिद्ध हिलजात्रा यूनेस्को की धरोहर में होगी शामिल… मिलेगी विशिष्ट पहचान

उत्तराखंड राज्य की पिथौरागढ़ हिलजात्रा को एक विशिष्ट पहचान मिलने जा रही है। बता दें कि उसे यूनेस्को की धरोहर में शामिल करने की कोशिश शुरू हो चुकी है और अल्मोड़ा संस्कृति विभाग की तरफ से जीबी पंत राजकीय संग्रहालय द्वारा इस योजना पर काम भी शुरू कर दिया गया है। बता दे कि इस हिलजात्रा को यूनेस्को की धरोहर में शामिल करने का दायित्व संस्कृति विभाग अल्मोड़ा ने संभाला है।

हिलजात्रा पूरे देश में सिर्फ पिथौरागढ़ में ही मनाया जाता है जो मुखौटा संस्कृति का वाहक है। कुमौड़ के हिलजात्रा का इतिहास करीब 500 पुराना है। यह मान्यता है कि इस गांव के चार महर भाइयों की बहादुरों से खुश होकर नेपाल नरेश ने यश और समृद्धि के प्रतीक के तौर पर उन्हें इनाम में मुखौटे दिए थे और तब से यह पर्व मनाया जाता है।