पटवारी-लेखपाल भर्ती -: नए नकलरोधी कानून के तहत उत्तरकाशी में पहला केस दर्ज

देहरादून| उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा में उम्मीदवारों की संख्या इस बार घट गई है|


पहले 8 जनवरी को हुई परीक्षा के मुकाबले इस बार 6.5% अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल नहीं हुए|
वहीं, आयोग का यह कहना है कि जल्द ही परीक्षा की आंसर की जारी की जाएगी|
बता दें कि बीते 8 जनवरी को हुई पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा में 1,58,210 में से 1,14,139 अभ्यर्थी शामिल हुए थे जबकि 12 फरवरी रविवार को दोबारा हुई परीक्षा में 1,03,730 (6.5 फीसदी)अभ्यर्थी शामिल हुए|


कुमाऊं में 25,359 लोगों ने परीक्षा छोड़ी है|


इस बार अभ्यर्थियों की सघन चेकिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग से जांच की गई| परीक्षा खत्म होने के बाद एक और आयोग ने चैन की सांस ली और सरकार को भी राहत मिली क्योंकि लगातार इन परीक्षाओं में धांधली सामने आ रही है जिस कारण सभी चिंतित है|
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, हमने सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाया है| अब कोई भी नकल का मामला आता है तो उस पर अध्यादेश के मुताबिक कार्यवाही होगी| कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं उन पर भी कार्यवाही की जाएगी|


बताते चलें कि पटवारी लेखपाल भर्ती के पेपर लीक, पेपर की सील खुली होने जैसी अफवाह फैलाने वालों पर नए नकल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी| परीक्षा संपन्न होने के बाद सरकार और राज्य लोक सेवा आयोग ने यह चेतावनी दी है| कल परीक्षा के दौरान 2 अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र की सील खुली होने का आरोप लगाया| एक ने अपना वीडियो बनाया वायरल किया जबकि दूसरे ने कोरी आंसर शीट जमा की| उत्तरकाशी में एक अभ्यर्थी पर नए नकल विरोधी कानून के तहत पहला केस दर्ज हुआ है| वहीं हल्द्वानी में परीक्षार्थियों ने आरोप लगाए हैं कि ओएमआर शीट और प्रश्न पत्र अलग-अलग मिले हैं|