एक ओर जहां महिला सशक्तिकरण के लिए सभी कोशिशें की जा रही है, महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए हर संभव प्रयास हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मानव तस्करी समाज के चेहरे पर एक बदनुमा दाग बनकर दिखाई दे रही है| बंगाल में इसका संत्रास झेल चुकी एक बेटी अब दूसरों के लिए प्रेरणा बनी है|
तीन बार बिकने और कई दफा दुष्कर्म का सदमा झेल चुकी 22 वर्षीय युवती अब जिंदगी की नई शुरुआत करने के लिए तैयार है| सभी यंत्रणा के बाद अब उसने 12वीं की परीक्षा पास कर ली है और कॉलेज में दाखिला लेने जा रही है| बताते चलें कि उत्तर 24 परगना जिले की एक अदालत ने युवती से दरिंदगी के दोषियों को 20 साल कैद और दो अन्य को 10 साल की सजा सुनाई है| इन लोगों में युवती का बॉयफ्रेंड राहुल भी शामिल है| पीड़ित युवती को उत्तराखंड से छुड़ाया गया था|
जानकारी के अनुसार पीड़ित कि 7 साल पहले सोशल मीडिया पर एक युवक से दोस्ती हुई धीरे-धीरे वह उसके प्रेम में पड़ गई| प्यार में अंधी लड़की ने अपना घर छोड़ दिया| 7 जनवरी 2015 को वह उस व्यक्ति से कोलकाता के साइंस सिटी में मिली और वह उसे बिहार की बस पकड़ने के लिए वहां से 10 किलोमीटर दूर बाबूघाट ले गया| उसका बॉयफ्रेंड राहुल ने 15 साल की इस किशोरी को बस में छोड़ा और वहां से चला गया| उसने डेढ़ लाख रुपए में इसका सौदा कर दिया था| राहुल का मित्र बताने वाला एक आदमी उसे हावड़ा स्टेशन ले गया और स्टेशन से बिहार ले गया| वहां उसे कमल नाम के व्यक्ति को बेच दिया गया| कमल नाबालिक लड़की को यूपी के बिजनौर में चित्रा नाम की एक महिला के पास लेकर गया| चित्रा नाबालिक लड़की की तीसरी खरीदार थी| चित्रा ने किशोरी की शादी अपने 45 वर्षीय भाई से कर दी| जो उसे 1 महीने के बाद चित्रा के पास बिजनौर में ही छोड़कर चला गया| उसके बाद चित्रा की बेटे ने उसके साथ दुष्कर्म करना शुरू किया| चित्रा ने भी उसे बाद में एक और आदमी को बेच दिया जो उसे उत्तराखंड ले आया| उत्तराखंड से पीड़ित को बरामद किया गया| अब युवती अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करने जा रही है|