कभी रोशनी से चमचमाते थे आज यूक्रेन के शहर बने भूतिया……… जानिए कैसे एक यूक्रेनियन बुजुर्ग ने बयां किया अपना दर्द

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा युद्ध अब दूसरे महीने में प्रवेश कर चुका है। ऐसे में यूक्रेन के जो शहर और गांव पहले रोशनी से चमचमाते थी जहां पर काफी रोनके रहती थी अब वह भूतिया प्रतीत हो रहे हैं। शहरों में सन्नाटा पसरा हुआ है। कई लोगों को बंकरो रहकर जीवन बिताना पड़ रहा है। ऐसे में कई लोगों ने यूक्रेन भी छोड़ दिया है बता दें कि यूक्रेन के लोगों का कहना है कि वहां के घर और इमारत खंडहर बन चुके हैं। दिन में कई बार एयर स्ट्राइक को लेकर सायरन की आवाज सुनाई देती है। तथा खारकिव में रूस के शार्प शूटर मौजूद हैं जो कि लोगों को निशाना बना रहे हैं। तथा यूक्रेन में इन हालातों की दास्तां को बयां करते हुए स्टोयांका गांव के रहने वाले 69 वर्षीय एंड्रिल ने बताया कि उनके गांव को रूस ने कब्जा लिया है। उन्होंने बताया कि वे अपने पड़ोसियों के यहां रहते हैं पहले वह चले गए थे मगर फिर अपने गांव अब वह लौट आए हैं। उनका गांव पहाड़ियों के बीच है जहां पर रूस लगातार हमले करता है। एंड्रिल ने बताया कि उन्होंने अपने सामने लोगों को मरते हुए घरों को आग में जलते हुए और मलबे में इमारतों को तब्दील होते हुए देखा है। उन्होंने बताया कि उन्हें अब भी उम्मीद है कि एक दिन जरूर उन्हें इस सबसे छुटकारा मिल जाएगा। उन्होंने कहा रूसी आर्मी रोज यूक्रेन पर हमने करती है और यूक्रेन की आर्मी रोज रूस से लोहा लेती है। साथ में उन्होंने यह भी बताया कि रूस के सामने बचने का एक ही उपाय है। सरेंडर कर दो या फिर मर जाओ।जब रूस के सामने सरेंडर नहीं किया गया तो मरने के अलावा वह कोई दूसरा विकल्प नहीं छोड़ता। एंड्रिल के गांव को भी रूसी आर्मी ने कब्जा लिया है पहले उन्हें उनके घर में कैद कर दिया गया और फिर उन्हें उनके खेतों से दूर कर दिया गया। उनके गांव पर रोज रूसी आर्मी बमबारी करती हैं। यह सब बातें उन्होंने एएफपी से बातचीत करते हुए कहीं। तथा उन्होंने यह भी कहा कि उनका गांव और भूतिया बन चुका है जैसे ही उन्हें प्रशासन से कोई सिग्नल मिलता है वह यहां से निकलने के बारे में सोचेंगे। बता दे कि एंड्रील एक प्राइवेट म्यूजियम के मालिक हैं।