देहरादून : कोटद्वार में हुई सेना की अग्निवीर भर्ती का सरकार परीक्षण कराएगी। केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा कि भर्ती को निरस्त नहीं किया गया है। अग्निवीर भर्ती को लेकर कोटद्वार में अभ्यर्थियों ने कई अनियमितताओं की शिकायत की थी। उनका आरोप था कि पहले पर्वतीय क्षेत्रों के लिए भर्ती में लंबाई के लिए 163 सेमी का मानक नियत था, जिसे अब 170 सेमी कर दिया। दौड़ के लिए निर्धारित समय को भी कम कर दिया गया। कुछ अभ्यर्थियों का तो यहां तक कहना था कि ज्यादा अभ्यर्थियों को दौड़ाया जा रहा है और उसमें से बहुत कम का चयन किया जा रहा है।
अभ्यर्थियों की इन शिकायतों को कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने जोर-शोर से उठाया है। केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ को इस बाबत पत्र भेजा जबकि रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट से बात की थी। इसके बाद राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने भी रक्षा राज्यमंत्री को पत्र भेजा है।
शुक्रवार को केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने हिन्दुस्तान को बताया कि अग्निवीर भर्ती को निरस्त नहीं किया है। अलबत्ता जो शिकायतें मिली हैं उनका परीक्षण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेना भी जनहित में भर्ती करा रही है, उस पर दोषारोपण करना उचित नहीं है।
केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि अग्निवीरों की भर्ती में उत्तराखंड के युवाओं को लंबाई में छूट दिए जाने का मामला केन्द्र स्तर पर उठाया जाएगा। मामले में केन्द्र स्तर पर जल्द कुछ निर्णय जरूर लिया जाएगा। छूट को बरकरार रखने के हर स्तर पर प्रयास किए जाएंगे।
राज्य सभा सांसद नरेश बंसल ने दिल्ली में केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट के साथ ही रक्षा सचिव के सामने विसंगतियों का मामला उठाया। उन्होंने पिछली भर्ती का नोटिफिकेशन भी केंद्रीय सचिव को सौंपा और बताया कि उत्तराखंड में पहले 163 सेमी की ऊंचाई पर भर्ती होती रही हैं, जबकि अग्निवीर भर्ती में 170 सेमी लंबाई पर चयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पर्वतीय क्षेत्र के युवाओं के लिए 163 सेमी लंबाई का मानक है। पूर्व में 1600 मीटर की दौड़ के लिए 5.40 मिनट का समय निर्धारित था, लेकिन अब पांच मिनट में ही दौड़ समाप्त की जा रही है। उन्होंने केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को भी पत्र भेजा है। राजनाथ सिंह के दिल्ली लौटने पर वे उनके समक्ष भी इस मसले को उठाएंगे।
कोटद्वार में अग्निवीर भर्ती को लेकर कुछ शिकायतें जरूर मिली हैं, जिनका परीक्षण कराया जा रहा है। सेना पर जल्दबाजी में आरोप लगाना उचित नहीं है। फिलहाल भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने जैसे कोई बात नहीं है। –अजय भट्ट केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री