आगामी वर्ष 2022 से देश में कई नियम बदलने वाले हैं जिसमें कई बैंकों ने क्रेडिट- डेबिट कार्ड से पेमेंट करने के नियमों में भी परिवर्तन कर दिया है। पहले यदि कार्ड से शॉपिंग करने के बाद पेमेंट करनी होती थी तो बस एक बार कार्ड संबंधी पूरी जानकारी देनी होती थी मगर नए नियम में ग्राहक जितनी बार भी शॉपिंग करेंगे उन्हें उतनी बार कार्ड संबंधी पूरी जानकारी भरनी होगी।
बैंक ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि 2020 में आरबीआई ने गाइडलाइन जारी करते हुए कहा था कि मर्चेंट साइट अपने पास कार्ड संबंधी डाटा नहीं रख सकती तथा इस पर गाइडलाइन जारी करते हुए सितंबर 2021 में आरबीआई ने कहा कि ग्राहक टोकनाइजेशन का विकल्प चुन सकते हैं। तथा बैंकों द्वारा इस नियम को 1 जनवरी 2022 से लागू कर दिया जाएगा।
अब ग्राहकों के दिमाग में यह सवाल आएगा कि आखिर टोकनाइजेशन है क्या। दरअसल कार्ड से संबंधित जानकारी का रिप्लेसमेंट ही टोकनाइजेशन है। तथा इसमें एक कोड एलाट होगा जो टोकन कहलाएगा तथा यह टोकन हर एक कार्ड के लिए यूनिक होगा। ऐसे में जब आप कार्ड द्वारा ट्रांजैक्शन करेंगे तो आपको एक 16 डिजिट का नंबर, कार्ड समाप्ति की डेट तथा सीवीवी ओटीपी को भरना होगा यदि इसमें से कोई भी जानकारी आपके द्वारा गलत दी जाएगी तो वह ट्रांजैक्शन नहीं हो पाएगा। नए साल से जब आप खरीदारी करेंगे तो मर्चेंट कंपनी द्वारा आपके लिए टोकेनाइजेशन के लिए पूछा जाएगा। यदि आप सहमति देते हैं तो कार्ड निर्माता द्वारा एक टोकन जारी कर दिया जाएगा जिसमें proxy नंबर होगा। जिसके बाद मर्चेंट साइट द्वारा उस टोकन को अपने पास सुरक्षित रख लिया जाएगा जिसके बाद आप सिर्फ सीवीवी और ओटीपी ही देंगे। तो इस तरीके से बैंक ने आने वाले नए साल के लिए अपने कार्ड के पेमेंट संबंधी नियमों को बदल दिया है।