देश में इस बार बीते मंगलवार को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2022- 23 से यह संकेत मिल रहे हैं कि सरकार आर्थिक सुधारों की बड़ी डोज पर काम कर रही है, और उद्योग जगत को इन सुधारों से लाइसेंस व इंस्पेक्टर राज से मुक्ति दिलाने का काम हो रहा है। बता दें कि इसमें प्रशासनिक सुधारों को लेकर कुछ महत्वपूर्ण कदम शामिल है जो कि भारत को विकसित देशों की श्रेणी में रखने में मददगार साबित होंगे और उसे विकासशील देशों की श्रेणी से निकालेंगे। बता दें कि वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार जिन्होंने आर्थिक सर्वेक्षण तैयार किया है वी .अनंत नागेश्वर का कहना है कि भारत की क्षमता के समुचित दोहन के लिए सरकार को कई सुधार कार्यक्रम चलाने होंगे तथा राज्य बिजली वितरण कंपनियों को वित्तीय तौर पर कैसे मजबूत बनाया जा सकता है इसके लिए उपायों को तलाशना होगा। इसके अलावा राज्यों को अन्य दूसरे सुधारवादी कदमों को भी लागू करना होगा। बजट सत्र में यह भी बताया गया कि भारतीय इकोनामी ने पिछले 30 वर्षों से डॉलर के मूल्य में औसतन 9% सालाना की रफ्तार से वृद्धि की है।
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