उत्तराखंड में तैयार होने वाली सेब की पौध पड़ोसी राज्यों के बागवानों को खूब भा रही है| पड़ोसी राज्य कश्मीर से इस बार सेब के पौधों के लिए बहुत अच्छी मांग आ रही है| जबकि, उत्तराखंड के बागवान भी पौधों के लिए मांग कर रहे हैं|
कुल्लू और स्नोर घाटी की नर्सरी में तैयार होने वाला सेब का पौधा उत्तम क्वालिटी का होता है| ऐसी संभावना है कि यह 90 फ़ीसदी से अधिक कामयाब होगा| जिस कारण पड़ोसी राज्य की बागवान यहां तैयार होने वाले सेब के पौधों को तरजीह दे रहे हैं| नर्सरी में सेब के पौधे भी कम रखे गए हैं| एक साल के पौधे की कीमत 150 रुपए रखी गई है जबकि 2 साल का पौधा 250 में बेचा जा रहा है| पौधे लगाने का सिलसिला जनवरी का महीना समाप्त होते ही शुरू हो जाएगा| नर्सरी से निकालने के बाद कुछ समय के लिए इन पौधों को 1 साल मिट्टी में डालकर रखा जाएगा, जिससे पौधे सूख न जाए| पौधे में रस आना शुरू होने से पहले इन्हें बगीचों में बनाए गए गड्ढों में लगाया जाता है|