देहरादून| इस साल एचएनबी केंद्रीय विश्वविद्यालय और उनसे संबद्ध कॉलेजों में B.Ed की आधी से अधिक सीटें खाली रहने की उम्मीद जताई जा रही है|
एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ सुनील अग्रवाल के अनुसार, पहाड़ के छात्र-छात्राओं के सीयूईटी परीक्षा के लिए केंद्र दूरदराज के क्षेत्रों में बनाए जाने से यह स्थिति पैदा हुई है| सीयूईटी के लिए राज्य में न सिर्फ दूरदराज के क्षेत्रों में परीक्षा केंद्र बनाए गए बल्कि इसके लिए फार्म भरने में स्ववित्तपोषित कॉलेजों का नाम नहीं दिखाई दे रहा है|
बता दें गढ़वाल विश्वविद्यालय के अलावा छात्र-छात्राओं के सामने अन्य कॉलेजों का कोई विकल्प न दिखने से कई छात्र आवेदन नहीं कर पाए हैं|
उनका कहना है कि स्ववित्तपोषित कॉलेज अपने संसाधनों से चल रहे हैं, सरकार की तरफ से इन कॉलेजों को कोई अनुदान नहीं मिलेगा| ऐसी स्थिति में सीटें खाली रहने से कॉलेजों का संचालन मुश्किल होता है|
एसोसिएशन के अध्यक्ष के अनुसार, विश्व विद्यालय कैंपस में यूजी और पीजी के जो कोर्स चल रहे हैं| सीयूईटी का फॉर्म भरते हुए छात्र-छात्राओं को केवल उन्हीं विषयों के कोर्स का विकल्प मिला जबकि स्वायत्त पोषित कॉलेजों में अन्य कोर्स में चल रहे हैं|