दुदबोली भाषा के संवर्धन और विकास के लिए आयोजित हुई गोष्टी, कुमाऊनी को रोजगार से जोड़ने की उठाई मांग

पिथौरागढ़| दुदबोली भाषा के संवर्धन और विकास के लिए पालिका सभागार में बीते दिवस विचार गोष्ठी हुई|


इस दौरान उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि दुदबोली भाषा के विकास के लिए हमको मिलकर काम करने की जरूरत है|


मुख्य अतिथि डॉ चंद्रप्रकाश फुलोरिया ने गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कहा कि उत्तराखंड भाषा संस्थान को सक्रिय करना होगा| जो लोग कुमाऊनी-गढ़वाली भाषा संस्कृति में काम कर रहे हैं उनकी मदद करनी होगी| सम्मान या पुरस्कार देकर काम करने वाले लोगों का मनोबल बढ़ाना होगा| यह सभी के सामूहिक प्रयास से ही संभव है| भाषा कार्यक्रमों के माध्यम से अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ने का काम किया जाए| आज कुमाऊनी-गढ़वाली भाषा को रोजगार से जोड़ने की जरूरत है| जिससे इसका विकास और विस्तार होगा| प्रतियोगी परीक्षा में दुदबोली भाषा के प्रश्न पूछे जाने चाहिए और साक्षात्कार में भाषाओं के अंक निर्धारित किए जाए| रोडवेज बसों, सरकारी दफ्तरों में कुमाऊनी-गढ़वाली में स्लोगन बोर्ड लिखी जाए| विधायकों को दुदबोली बोलनी चाहिए| लोगों को सरकार पर दबाव बनाना चाहिए|
मुख्य वक्ता शिक्षाविद् डॉ अशोक पंत ने इस दौरान कहा, दुदबोली भाषा के संरक्षण के लिए हमें अपने घरों से शुरुआत करनी होगी| सोशल मीडिया पर भी हमें अपनी बात दुदबोली में लिखनी होगी|
कार्यक्रम का संचालन दिनेश भट्ट ने किया|
इस दौरान सरस्वती कोहली, पदमा दत्त पंत, ललित सामंत, भगवान रावत, डॉ. दीप चौधरी, आयोजक प्रकाश पुनेठा, दीप्ति भट्ट ,मथुरा दत्त चौंसाली आदि उपस्थित रहे|