प्रेम अंधा होता है, इसके आगे माता-पिता का वात्सल्य कुछ नहीं, और हाईकोर्ट ने खारिज कर दी एक पिता की याचिका

कर्नाटक| मर्जी से शादी करने वाली वयस्क लड़की को पति के साथ रहने देने का आदेश देते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने टिप्पणी में लिखा कि प्रेम अंधा होता है| इसके आगे माता-पिता का वात्सल्य भी कुछ नहीं| हालांकि, लड़की को भी बताया गया कि जैसा वह आज अपने माता-पिता के साथ कर रही है कल उसके साथ भी हो सकता है| लड़की के पिता ने मामले में हाईकोर्ट मैं बंदी प्रत्याशीकरण याचिका दायर कर कहा कि यहां उसकी बेटी इंजीनियरिंग पढ़ रही थी| लेकिन, एक ड्राइवर ने उसे जबरन अपने साथ रख लिया| हाईकोर्ट ने लड़का लड़की को तलब किया, जहां लड़की ने खुद को बालिक बताया, मर्जी से शादी करने की जानकारी दी और पति के साथ ही रहने की इच्छा बताई|
हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दि और लड़की को मर्जी से रहने की स्वतंत्रता दी| उसने कहा कि कानून पार्टनर चुनने में समाजा, माता-पिता की भूमिका नहीं है| यह जीवन के महत्वपूर्ण मामले में व्यक्तित्व स्वायत्तता से जुड़ा निर्णय है|
-: इन टिप्पणियों के साथ दी गई सलाह:-
-लड़की को पता होना चाहिए कि जीवन प्रतिक्रियाओं और विचारों से भरा है| आज जो वह अपने माता-पिता से कर रही है कल उसके साथ भी हो सकता है|

  • हमारे इतिहास में बच्चों के लिए माता-पिता और मां-बाप के लिए बच्चे द्वारा जीवन त्यागने के उदाहरण है| लेकिन, याद रखें कि अगर लड़का लड़की एक दूसरे से प्रेम करते हैं तो परिवारों को आपस में दरार नहीं करनी चाहिए|
  • मनुस्मृति में लिखा गया है कि कोई व्यक्ति उसे जन्म देने व पालन-पोषण के लिए माता-पिता द्वारा उठाए कष्टों का ऋण 100 वर्षों में नहीं उतार सकता, इसलिए माता पिता और शिक्षक को प्रसन्न करने के लिए जो भी संभव हो करना चाहिए| उसके बिना कोई धार्मिक पूजा फलदायी नहीं होती|