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उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ भू-धंसाव से सबक लेते हुए प्रदेश के सभी पर्वतीय क्षेत्रों का वैज्ञानिक एवं तकनीकी सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है| सीएम धामी के अनुसार जिन शहरों की भार वहन क्षमता अधिक पाई जाएगी उनमें निर्माण पर रोक लगाई जाएगी|
बताते चलें कि जोशीमठ भू-धंसाव का कारण शहर की भार वहन क्षमता से अधिक निर्माण भी माना जा रहा है| खुद मुख्यमंत्री भी इस बात से सहमत हैं|
उन्होंने कहा कि जोशीमठ की जो घटना हमारे सामने आई है वह निश्चित तौर पर हमें भविष्य के लिए सचेत कर रही है| हमारे जितने भी पर्वतीय क्षेत्रों के शहर हैं उनकी धारण क्षमता यानी भार वहन क्षमता देखने की जरूरत है| सभी शहरों का वैज्ञानिक एवं तकनीकी सर्वेक्षण करके जिन शहरों की भी भार वहन क्षमता अधिक आएगी उनमें निर्माण कार्यों पर सख्त रोक लगाई जाएगी|
शहर विकास निदेशक नवनीत पांडे के अनुसार राहत कार्यों के लिए नगर पालिका को वाहन आदि की मदद उपलब्ध कराई गई है|
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