
उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव संकट को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए अदालती हस्तक्षेप के अनुरोध वाली याचिका पर यह कहते हुए इन्कार कर दिया है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट इससे जुड़े विस्तृत मामलों की सुनवाई कर रहा है इसलिए सैद्धांतिक रूप से उसे ही इस मामले पर सुनवाई करनी चाहिए|
सुनवाई के दौरान उत्तराखंड सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल जतिंदर कुमार सेठी ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से जो मुद्दे उठाए गए हैं उन पर पहले ही कदम उठाए जा चुके हैं|
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सुशील कुमार जैन ने कहा कि लोग मर रहे हैं| भू-धंसाव से प्रभावित लोगों को राहत और उनके पुनर्वास के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है| इस पर पीठ ने टिप्पणी की कि आप इस सुनवाई का इस्तेमाल सोशल मीडिया पर साउंड बाइट के लिए नहीं कर सकते|
बता दें कि जोशीमठ भू-धंसाव मामले में एक नया खुलासा हुआ है| जिसके अनुसार, एक संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है कि हाइड्रोस्टेटिक प्रेशर के साथ ही अलकनंदा नदी में रैणी आपदा के बाद लगातार जारी टो कटिंग के चलते जोशीमठ में यह नजारा देखने को मिला है| हालांकि सुकून देने वाली बात यह है कि भू-धंसाव क्षेत्र में अधिकांश पानी निकलकर अलकनंदा नदी में जा चुका है| साथ ही अब मिट्टी सूखने लगी है| ऐसे में अब इस भू-धंसाव में काफी हद तक कमी आएगी|
