
बीते शनिवार 19 फरवरी 2022 को पत्रकारों से बातचीत के दौरान महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्र नरसिन्हानांद सरस्वती महाराज और स्वामी अमृतानंद महाराज ने केंद्र सरकार से यह मांग की कि जमीयत- उलमा- ए – हिंद को आतंकवादी संगठन घोषित करें।उनका कहना है कि यह संगठन अपनी राजनीतिक पहचान तथा शक्ति से हर जिहादी का मुकदमा लड़ता है और उसे सजा से बचा लेता है। तथा बाद में देशभक्तों होने साथ दिखावा करता है। उनका कहना है कि ऐसे संघ को आतंकवादी संगठन घोषित कर देना चाहिए। इस दौरान जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा अहमदाबाद के बम ब्लास्ट वाले मामले में कोर्ट की सराहना भी की गई साथ में उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादियों की मदद करना देशद्रोह है और जमीयत- उलमा- ए- हिंद यही कार्य करता है इसलिए उसे आतंकवादी संगठन घोषित कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के धर्म की रक्षा करने वाले सनातन धर्म के धर्मगुरु ऐसे अत्याचार पर चुप्पी साध देते हैं तथा हिन्दू समाज को ऐसे धर्मगुरुओं का बहिष्कार करना चाहिए। क्योंकि जब ऐसे संगठन अपने राजनैतिक और धनबल की शक्तियों से अत्याचार करने वालों को बचाते हैं तो तब सनातन धर्म की रक्षा करने वाले चुप्पी साध लेते हैं।
