महंगाई की मार से ना सिर्फ शहर वाले बल्कि गांव वाले लोग अधिक परेशान है। मुख्य बाजार की अपेक्षा गांव में खासकर भारत और चीन की सीमा पर स्थित गांव में महंगाई काफी अधिक बढ़ चुकी है पेट्रोल और डीजल से लेकर दाल सब्जियां यहा तक कि चाय पत्ती सब में 15 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की गई है।
मुख्य बाजार की अपेक्षा गांव में चने में ₹15 प्रति किलो के हिसाब से बढ़ोतरी की गई है तथा राजमा में ₹40 प्रति किलो के हिसाब से बढ़ोतरी हुई है। जो आटा शहर में ₹28 किलो बिक रहा है गांव में 32 से ₹35 किलो बेचा जा रहा है इस महंगाई की मार से धारचूला, मुनस्यारी, बेरीनाग, गंगोलीहाट, कनालिछिना के गांव अधिक परेशान है। ना सिर्फ चना ,राजमा बल्कि चीनी, तेल तथा अन्य रोजमर्रा की सामग्री में अभी 10 से 30 फ़ीसदी अधिक बढ़ोतरी हुई है। व्यापारियों का इस मामले में कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से वस्तुओं को मुख्य बाजार से गांव तक पहुंचाने में लागत भी अधिक लग रही है जिसकी वजह से चीजें महंगी बेची जा रही है। कोरोना के कहर से उभरते लोगों को महंगाई फिर से सदमे में धकेल रही है देखते है आगे इसके लिए सरकार क्या योजनाएं बनाती है।