रुड़की| त्वचा और शरीर के नाजुक अंगों में होने वाले घातक संक्रमण के इलाज के दौरान दवा के प्रतिरोध को जल्द ही खत्म किया जा सकेगा| आईआईटी रुड़की के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा एंटीबैक्टीरियल मॉलिक्यूल खोजा है जो दवाओं के साथ इस्तेमाल किए जाने पर न केवल स्टेफिलोकोकस ऑरियस और स्यूडोमोनास एरुगिनोसा बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण को रोकेगा, बल्कि दवाओं के प्रतिरोध को भी कम करेगा| इस मॉलिक्यूल को संस्थान ने आईआईटी 00693 नाम दिया है|
इस टीम में ऋषिकेश एम्स के आशीष कोठारी और बलराम उम्र के साथ गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल चंडीगढ़ की वर्षा गुप्ता भी शामिल है| इसके अलावा आईआईटी रुड़की के महक सैनी और अमित गौरव भी इस टीम में शामिल है|
टीम का नेतृत्व प्रोफेसर रंजना पठानिया ने किया| उनका कहना है कि हम अब अणु को एक व्यवहार चिकित्सीय एजेंट के रूप में विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं| जल्द ही इसका क्लीनिक ट्रायल शुरू किया जा सकता है|
आईआईटी के इस नए मॉलिक्यूल का ग्राम-पॉजिटिव और नेगेटिव बैक्टीरिया पर भी प्रभावी असर होगा| आतों, जोड़ो, फेफड़ों और त्वचा के संक्रमण के अलावा जलने की अवस्था में फैलने वाले संक्रमण में भी ये मॉलिक्यूल अन्य एंटीबैक्टीरियल दवाओं के साथ दिए जाने पर बेहतरीन परिणाम देगा|