उत्तराखंड के गांधी माने जाने वाले स्व. इंद्रमणि बडोनी के जन्मदिन पर एक विशेष प्रकार की गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ पूर्व विधायक काशी सिंह एरी द्वारा किया गया। तथा स्व. इंद्रमणि के जन्मदिवस पर उनके द्वारा प्रदेश के लिए किए गए कार्यों को याद किया गया स्वर्गीय इंद्रमणि का जन्मदिन उत्तराखंड की लोक संस्कृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम का शुभारंभ करने के बाद एरी ने स्वर्गीय इंद्रमणि द्वारा किए गए अदम्य साहसी कार्यों का लोगों को स्मरण कराया।
उन्होंने बताया कि किस प्रकार स्वर्गीय इंद्रमणि ने उत्तराखंड के लिए हो रहे आंदोलन में अपनी मुख्य भूमिका निभाई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक उत्तराखंड में जितनी भी सरकारें बनी है वह इंद्रमणि के आदर्श उत्तराखंड के सपने को पूरा नहीं कर पाई तथा आज भी लोगों को आदर्श उत्तराखंड की दरकार है। उनका कहना था कि आज राज्य को बने 21 वर्ष हो गए हैं लेकिन अभी भी पलायन पहले जैसा ही है अभी भी राज्य में बेरोजगारी अशिक्षा है।
इसी के साथ डॉ अर्चना जोशी जो कि राजकीय महाविद्यालय सोमेश्वर की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं उनका कहना था के बडोनी एक अदृश्य शक्ति के रूप में कार्य किया करते थे तथा उन्होंने लखनऊ विधानसभा में भी पहाड़ की समस्याओं को रखा। उनके अदम्य साहस और हिम्मत का ना तब कोई तोड़ था ना अब कोई तोड़ है। तथा यही कारण है, कि आज भी हम सब उन्हें उत्तराखंड के गांधी के नाम से जानते हैं। तथा उनके जन्मदिन पर आयोजित गोष्ठी के अवसर पर पूर्व प्रमुख पुष्कर पाल सिंह, कुबेर सिंह, आनंदी कड़ाकोटि, मोहन सिंह नेगी, बीडी सती, नारायण सिंह रावत समेत आदि जन मौजूद रहे।