हिजाब बाद ने लिया नया मोड़……. कोर्ट से पहुंचा आर्थिक गलियारों तक, बना सियासी बहस का विषय

बीते कई समय पूर्व से कर्नाटक राज्य में चल रहे हिजाब विवाद की आग अभी भी ठंडी नहीं हुई है। हालांकि कुछ दिनों पहले इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए इसके पक्ष में जारी की गई अपीलों को खारिज कर दिया था। मगर यह मामला अब और भी अधिक बढ़ता जा रहा है क्योंकि कोर्ट के बाद यह मामला आर्थिक गलियारों में पहुंच गया है। दरअसल कोर्ट का निर्णय आने के बाद कई मुस्लिम व्यवसायियों ने हिंदू मंदिर परिसर के बाहर अपनी दुकानें लगाना बंद कर दिया था। इससे मुस्लिम व्यवसायियों ने कोर्ट के फैसले का विरोध किया था और यही मामला अब और अधिक बढ़ चुका है क्योंकि पहले मुस्लिम व्यवसायियों ने खुद अपनी दुकानें बंद रखी और अब कर्नाटक के धार्मिक स्थल में हिंदू परिसरों में मुसलमानों को उनकी दुकानें लगाने की अनुमति नहीं दी जा रही हैं। इससे मुस्लिम समुदाय को आर्थिक चोट पहुंच रही है।यदि हम पिछले सप्ताह की बात करें तो पिछले सप्ताह में कर्नाटक के 6 धार्मिक स्थलों ने हिंदू परिसरों में हिंदुओं के अतिरिक्त किसी को भी दुकानों का आवंटन नहीं करने दिया। पिछले कई सालों से कुछ मुस्लिम व्यवसायी मंदिरों में बिकने वाली पूजन सामग्री समेत कई अन्य चीजों का व्यवसाय करते आ रहे थे मगर पिछले कुछ दिनों में हिंदुओं के मंदिर प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि हिंदू परिसर मंदिरों में कोई भी गैर हिंदू अपनी दुकान नहीं लगाएगा। और सरकार ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है। तथा बता दें कि इस संबंध में तुलुनाडु हिंदू सेना की ओर से मंदिर प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि यदि “सुग्गी मारी पूजा” के दौरान किसी भी मुस्लिम को स्टॉल लगाने की अनुमति ना दी जाए। और यदि ऐसा हुआ तो कोई भी समस्या या फिर खतरे के लिए मंदिर प्रशासन जिम्मेदार होगा।बता दें कि यह मामला हाईकोर्ट से आर्थिक गलियारों में पहुंच गया है और सबसे बड़ा सियासी बहस का विषय बन चुका है।