इस बार सब्जियों की कीमत में आए जबर्दस्त उछाल से खासकर टमाटर ने महंगाई को बेकाबू कर दिया है| लोगों को अब दिसंबर तक ऊंची महंगाई का सामना करना पड़ेगा| कहा जा रहा है कि जनवरी के बाद इसमें कमी आने की उम्मीद है| यह आरबीआई के 6% से बाहर हो गई है|
भारत के मुख्य अर्थशास्त्री राहुल बजोरिया के मुताबिक, हमारा अनुमान है कि खुदरा महंगाई दर कुछ माह तक ऊंची बनी रहेगी चौथी तिमाही यानी जनवरी के बाद इसमें राहत मिल सकती है|
रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक, ऊंची महंगाई के चलते अब भारतीय रिजर्व बैंक दरों में कटौती की योजना को आगे बढ़ा सकता है| हमारा अनुमान है कि अब अगले साल जुलाई के बाद ही दरों में कटौती हो सकती है| उस समय से 0.75 फ़ीसदी तक की कटौती की उम्मीद जताई गई है|
बता दे आरबीआई ने पिछली तीन बार से दरों में कोई बदलाव नहीं किया है| आरबीआई का महंगाई का लक्ष्य 4 फ़ीसदी है, लेकिन इसमें 2 फ़ीसदी ऊपर या नीचे भी उसके लक्ष्य के तहत है| इक्रा के मुताबिक, महंगाई दो तिमाहियों तक 6% से ऊपर रहती है तो आरबीआई दरों में बढ़ोतरी भी कर सकता है| अगस्त में खुदरा महंगाई 6.5% रह सकती है| अगर महंगाई में से सब्जियों को हटा दें तो यह 5.4% रह सकती है|
बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर वनस्पति तेल और वसा को इस महंगाई से निकाल दे तो खुदरा महंगाई 8.5% पर पहुंच जाएगी| ऐसा इसलिए क्योंकि इनकी वृद्धि दर – 16.9% है| पर्सनल केयर उत्पादों, घरेलू सामानों, शिक्षा और कपड़ों के साथ जूता एवं चप्पल ने भी महंगाई बढ़ाने में अपना योगदान दिया है|
बता दे सबसे अधिक 9.7 फ़ीसदी महंगाई राजस्थान में रही है|