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चंपावत (टनकपुर)| अब स्कूली पाठ्यक्रम में उत्तराखंड के परंपरागत बालगीतों के संग्रह हेम पंत की पुस्तक घुघूती बासूती को भी शामिल किया जा रहा है| स्थानीय विजन पब्लिक स्कूल ने इस पुस्तक को आगामी शिक्षा सत्र से अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया है|
इस संबंध में स्कूल के प्रधानाचार्य नवल किशोर जोशी ने कहा है कि नए शिक्षा सत्र से स्कूल में स्थानीय भाषाएं भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने जा रही है| नई शिक्षा नीति में शामिल सुझावों के क्रम में उनके स्कूल में नए शिक्षा सत्र से हेम पंत की पुस्तक उत्तराखंड के परंपरागत बालगीतों को संकलित कर लिखी गई ‘घुघूती बासूती’ को पाठ्यक्रम में शामिल किया है|
इस पुस्तक में परंपरागत लोरी, पर्वगीत, क्रीड़ागीत एवं पढ़ाई में सहायक गीतों का बेहतर संकलन है, जो नर्सरी एवं प्राथमिक के बच्चों को अपने समाज और प्रकृति से जोड़ने की सीख देते हैं|
इन बाल गीतों में आसपास के परिवेश में दिखने वाले पेड़-पौधे, पशु-पक्षी की जानकारी दी गई है| इन गीतों के माध्यम से बच्चे खेती, पशुपालन, पारिवारिक रिश्ते और मौसम के बारे में शुरुआती ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे|
इस पुस्तक को कई शिक्षण संस्थाओं द्वारा सराहना मिल चुकी है|
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