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हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियां ना सिर्फ बड़ों में बल्कि छोटे बच्चों और यहां तक कि शिशुओं में भी देखने को मिलती है। छोटे बच्चों और शिशुओं में भी कार्डियेक रोग विकसित हो जाता है जिसके लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं जैसे बच्चे की सांस फूलना, जल्दी थकान महसूस होना और कमजोरी महसूस करना।
व इसमें दूसरा लक्षण है त्वचा का पर्पल या फिर ग्रे ब्लू का होना, नाखूनों का रंग बदल जाना।
दिल की धड़कन का तेज होना, बार बार चक्कर आना यह भी हृदय रोग के संकेत हैं।
इसके अलावा छाती में दर्द होना तथा हृदय में पाई गई अनियमित गतिया यह भी दिल के रोग का लक्षण है।यदि अभिभावकों को अपने बच्चों में इस तरह के कोई भी लक्षण दिखे तो उन्हें तुरंत मेडिकल की मदद लेनी चाहिए।
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