हरिद्वार:- दादा ने किया इंसाफ तो करोड़पति बन गया सड़कों पर भीख मांगने वाला बच्चा

कहते हैं कि किस्मत चमक सकती हैं और जब किस्मत साथ होती है तो इंसान किसी भी दुख से लड़ सकता है और कभी-कभी तो भिखारी भी करोड़पति बन जाता है। एक ऐसा ही मामला हरिद्वार से सामने आया है जहां एक मासूम शाहजेब की जिंदगी पर मुसीबतों के बादल छाए हुए थे। जो दो वक्त की रोटी के लिए कभी चाय की दुकान पर जूठे बर्तन धोता था और दूसरों के आगे हाथ फैलाता था वह अचानक से करोड़पति बन गया है। दरअसल मामला यह है कि पिरान कलियर में बेसहारा घूमने वाले एक साधारण बच्चे को उसका परिवार और करोड़ों की संपत्ति मिल गई है। सहारनपुर के पंडोली गांव निवासी इमराना वर्ष 2019 में ससुराल वालों से नाराज होकर अपने मायके यमुनानगर चली आई थी और तब उसके पति नावेद उसे लेने के लिए यमुनानगर गए थे और वह नाराज होकर अपने 8 साल के बेटे शाहजेब के साथ घर छोड़कर चली गई तथा कलियर में आकर रहने लगी इसी बीच नावेद की मौत हो गई मगर हिमाचल में सरकारी शिक्षक रह चुके दादा मोहम्मद याकूब ने बेटे के बाद उसकी निशानी को ढूंढने का बहुत प्रयास किया हालांकि उन्हें कुछ फायदा नहीं मिला और उनकी भी मौत हो गई लेकिन वह इस दुनिया से जाते-जाते इंसाफ कर गए और अपनी आधी जायदाद अपने पोते तथा आधी जायजाद दूसरे बेटे के नाम पर कर गए और वसीयत में लिखा गया था कि जब भी उनका पोता आएगा उसे जायजाद दे दी जाए। इसी बीच शाहजेब के छोटे दादा शाह आलम ने अपने खोए पोते और बहू की तलाश शुरू कर दी इसके लिए उन्होंने ट्विटर पर एक फोटो भी डाली। इसी दौरान बीते गुरुवार को कलियर में शाह आलम के रिश्तेदार ने उसे पहचान लिया और इस बात की सूचना शाह आलम को दी गई जिसके बाद वह अपने पोते को साथ ले गए। बता दें कि शाहजेब के पिता किसान थे और कोरोना के दौरान उसकी मां इमराना की भी मौत हो गई जिसके बाद वह अनाथ हो गया तथा कलियर में चाय आदि की दुकान पर बर्तन धोने लगा और भीख मांग कर अपना गुजारा करने लगा लेकिन अब शाहजेब के छोटे दादा उसे लेकर चले गए हैं।