उत्तराखंडियत के मायके लालकुआं में करना पड़ा हार का सामना….. एक बार फिर अपनी हार का दुख व्यक्त करते हुए यह बोले हरीश रावत

उत्तराखंड। राज्य की लालकुआं विधानसभा सीट से 14000 से भी अधिक वोटों से हारने के बाद इस बारे में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कई बार बोल चुके हैं। मगर एक बार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस संबंध में अपना दुख व्यक्त कर कहा है, कि वे उत्तराखंडीयत के मायके लालकुआं में बुरी तरह पराजित हुए हैं। उन्होंने कहा कि हारने के बाद ऐसा लग रहा था जैसे जनता उन्हें बूथ दर बूथ दंडित करने का इंतजार कर रही थी।तथा इसी दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने गांव जाकर तेल और नमक लगे काफल खाने की भी इच्छा व्यक्ति की।
तथा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि उत्तराखंडियत का एक कवच जो उन्होंने तैयार किया था उसका भेदन भाजपा भी नहीं कर पाई और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टोपी पहन कर उत्तराखंडीयत का महत्व स्वीकारना पड़ा। उन्होंने कहा कि हार जीत लगी रहती है मगर हमें हमारे विचारों से नहीं हारना चाहिए।तथा साथ में उन्होंने हरिद्वार जाकर 8 से 10 दिन तक गंगा जल से अभिषेक कर भगवान शिव से प्रार्थना करने और हनुमान जी के आगे हनुमान चालीसा पढ़ने की बात भी कही है।