
सरकार ने भारतीय फार्मास्यूटिकल फर्मों द्वारा निर्मित किए जाने वाले खांसी के सिरप को लेकर दुनिया भर में किरकिरी होने के बाद अब बड़ा फैसला लिया है| सरकार ने विदेश में दवा भेजे जाने से पहले उनके परीक्षण कराने का आदेश दिया है| इसलिए अब कफ सिरफ निर्यातकों को विदेश भेजने के पहले अपने उत्पादों का निर्धारित सरकारी प्रयोगशालाओं में परीक्षण कराना अनिवार्य होगा|
यह नियम 1 जून से लागू होगा|
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना जारी की है| जिसमें कहा गया है कि पहले उत्पादन के नमूनों का प्रयोगशाला में परीक्षण करवाना होगा और फिर कफ सिरप के निर्यात करने की अनुमति मिलेगी| 1 जून से यह नियम लागू होगा|
खांसी की दवा के सैंपल की जांच अनिवार्य रूप से सरकारी प्रयोगशालाओं में होगी| जांच संबंधी प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही विदेशों में निर्यात करने की अनुमति मिलेगी|
बता दे कई शहरों में स्थित क्षेत्रीय दवा परीक्षण प्रयोगशाला, कोलकाता की केंद्रीय दवा प्रयोगशाला और केंद्रीय दवा परीक्षण प्रयोगशालाओं में नमूनों का परीक्षण किया जाएगा| साथ ही राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त दवा प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं में भी नमूनों की जांच होगी|
बता दें सरकार ने यह कदम कई बच्चों की मौत के बाद उठाया है| भारत में बनें कफ सिरप की गुणवत्ता को लेकर पूरी दुनिया में उठे सवालों के बाद सरकार ने अब यह कदम उठाया है| पिछले साल गांबिया में 66 और उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हुई थी| इसके लिए भारत निर्मित कफ सिरप को कथित तौर पर दोषी बताया गया था|
