
गरुड़ । गरुड़ तहसील में वर्ष 2011,12 में स्थापित’माँ नंदा स्मृति वाटिका’मेला डुंगरी में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री देव सुमन की 81 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित किये गये तथा उनके योगदान को याद करते छायादार, फलदार, शोभादार व फूल के सुगन्धी पौधौं का रोपण किया गया।
इस अवसर पर पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यावरण पलायन रोजगार की समुचित व्यवस्था के लिए अपने आस-पास खाली भूमि में बहुउपयोगी पौधों के संरक्षण के साथ ही नये पौधों का रोपण, जल संबर्धन हेतु जल स्रोतों के आस-पास सगन चौडी पत्तीदार सदा बहार पौधों के रोपड़ उनके बचाव करने के उपायों पर चर्चा की गयी।
इस अभियान में वाटिका में उन्हीं स्थानों पर पौधे रोपित किये गए जहाँ किसी कारण से पौधे नष्ट हो गये थे जिसमें देवकी लघु वाटिका के साथ ही अजीम प्रेमजी फाउंडेशन,जन शिक्षण संस्थान बागेश्वर,यूथ विंग के 25 युवायों के साथ ही वन क्षेत्र अधिकारी प्रदीप कांडपाल, प्रवेश नौटियाल, नरेंद्र खेतवाल, वन पंचयात् के पूर्व सरपंच गोविंद सिंह राणा, रवि उप्रेती, हेमंत मलड़ा, सौम्या कनवाल्, श्वेता, सौरव,चंदा नेगी, विजय प्रताप, निखिल, मोहन सिंह कोरंगा आदि का सहयोग दिया।
पौधारोपण में आये हुए पर्यावरण प्रेमियों को जामुन, चंदन, आवला के पौधे वाटिका की ओर से भेंट किये गये।विगत वर्षों की तरह इस वर्ष भी सभी के सहयोग से नंदा स्मृति वाटिका में पूर्व में रोपित पौधों में बांज, फल्यांट, बाँस, आवला, जामुन, रीठा, तुन आदि के जीवन्त पौधों को देखकर चीड़ के बीच हरियाली के साथ फैलता यह वन जैव विविधता के साथ भूस्खलन रोकने पशु पक्षियों के सफल बसेरा बन रहा है। जल संबर्धन में सहायक बन रहा है। वन क्षेत्र अधिकारी प्रदीप कांडपाल,एवं वन पंचयात् के सरपंच गोविंद सिंह राणा ने आश्वासन दिया की वे इस वन क्षेत्र के विस्तार के लिए अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे। समापन के अवसर पर वृक्षप्रेमी किशन मलड़ा ने सभी के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए माँ नंदा स्मृति वाटिका को और विस्तृत बनाने के लिए भी वाटिका की ओर से आभार व्यक्त किया।
