G-20 -: ‘उत्तराखंड की स्वरागिनी’ बहनों ने बिखेरा सुरों का जादू, सम्मेलन में गूंजा कुमाऊनी झोड़ा

शनिवार को दिल्ली में कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले के छोटे से गांव हुड़ेती की रहने वाली दो सगी बहनों ने प्रसिद्ध झोड़ा ‘खोल दे माता खोल भवानी’ के माध्यम से उत्तराखंड की लोक संस्कृति को विश्व पटल पर पहुंचा|


बता दें इन दोनों बहनों को ‘उत्तराखंड की स्वरागिनी’ बहनें भी कहते हैं| सोशल मीडिया पर उप्रेती बहनों के नाम से प्रख्यात ज्योति उप्रेती सती और नीरजा उप्रेती ने दिल्ली में g-20 के शिखर सम्मेलन के दौरान आकाशवाणी सभागार में कई राष्ट्राध्यक्षों के सामने प्रदेश की तीनों बोलियां कुमाऊनी, गढ़वाली और जौनसारी में लोकगीत गाए|


बता दें ज्योति एमए (संगीत, हिंदी) और संगीत विशारद है| वही 15 वर्ष तक गायन के साथ ही संगीत अध्यापिका भी रह चुकी है| वह ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन की एक श्रेणीबद्ध गायिका हैं| छोटी बहन नीरजा फिजियोथैरेपिस्ट भी है| वह ज़ी टीवी पर प्रसारित होने वाले भारत के पहले पौराणिक रियलिटी शो स्वर्ण स्वर्ण भारत की प्रतियोगी भी रह चुकी है|
दोनों बहनों का कहना है कि देवभूमि उत्तराखंड में जन्म लेने के लिए देवता भी तरसते हैं| पहाड़ की ठंडी हवा, ठंडे पानी को दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्षों के सामने पहुंचाया| हमारी संस्कृति हमारा सम्मान है| अपनी विराट संस्कृति और उसकी अनमोल विरासत और परंपराओं पर वह गर्व की अनुभूति करती है|