संघर्ष समिति अल्मोड़ा ने उन्हें ज्ञापन प्रेक्षित किया। छात्र संघर्ष समिति ने कहा कि भारत सर्वाधिक युवाशक्ति वाला देश है और युवा ही देश की सबसे बड़ी पूंजी मानी जाती है, यह बातें हर पार्टी का नेता कहता है, हर छात्र संगठनों का शीर्ष नेतृत्व यह बात ऊर्जा संचरण हेतु भी कई बार कहते हैं, परन्तु क्या इस युवापीढ़ी में राजनीति की नर्सरी को सींचने का काम करने वाले छात्र संघ चुनावों पर नेताओं, मंत्रियों और शीर्ष नेतृत्वों ने चुप्पी क्यों साधी है। पिछले 2 साल से छात्रसंघ चुनाव नही हुए है जिससे सभी छात्रों व छात्र नेताओं में रोष है। महोदय आपको भी समय समय पर युवा शक्ति की जरूरत पड़ती है।
छात्र संघर्ष समिति ने पूर्व मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि आप अपने स्तर से सरकार पे दबाव बनाए की छात्रसंघ चुनाव में अपनी स्तिथि साफ करें। आपसे कई उम्मीद लिए आज आपके समक्ष आए है और आशा है कि अपने कद के मुताबित आप जल्द से हमारी बात पर करवाई करेंगे और अगर छात्रसंघ चुनाव नही होंगे तो पूरा युवा समुदाय विधानसभा चुनाव 2022 का विरोध करेगा जिससे कहि न कही आपको भी फर्क़ पड़ेगा।
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से दिव्या जोशी ,वैभव पांडेय, राहुल अधिकारी, उज्जवल जोशी, सुनील ग्वाल, चंदन बहुगुणा, दीपक तिवारी, विक्का मेर, , पंकज फ़र्त्याल, पुनीत प्रभात, हैरी, हर्षित दुर्गापाल, विनोद परिहार, पंकज गुरुरानी आदि मौजूद रहे।