
उत्तराखंड राज्य में ऐसा पहला केस देखने को मिला है जहां पर डॉक्टरो ने एक बच्ची को जो कि दिल की बीमारी से पीड़ित थी उसके हृदय के एट्रीयम चैंबरों को बदलकर नया जीवन लौटा। एम्स के चिकित्सकों ने दिल की बीमारी से ग्रसित यूपी की 7 वर्षीय बच्ची का सफल ऑपरेशन करते हुए उसे नया जीवन दिया है।
यूपी के भंगरोला नवाबगंज जिला बरेली निवासी 7 वर्षीय बच्ची को सांस लेने में परेशानी हो रही थी और जन्म से ही उसे शरीर के नीले रंग की बीमारी थी परिवार वालों ने बच्ची को हर जगह दिखाया मगर सभी ने हाथ खड़े कर दिए। अपनी अंतिम आशा लेकर परिवार वाले बच्ची को एम्स ऋषिकेश ले आए जहां कई जांचों में वह हृदय की बड़ी धमनियों के स्थानांतरण से ग्रसित पाई गई। यह एक जन्मजात हृदय रोग है और यहां पर जो मुख्य धमनियां होती हैं वह गलत स्थान पर होती हैं। एम्स के सर्जन ने उसकी जांच करवाई और परिजनों की सहमति पर बच्ची के हृदय की सर्जरी का प्लान तैयार किया। दरअसल यह बीमारी जानलेवा होती है और अधिकांश मामलों में इस बीमारी से ग्रसित 90% शिशुओं की जन्म के कुछ दिन बाद मृत्यु हो जाती हैं। डॉक्टर के अनुसार बीमारी से ग्रसित बच्ची की सर्जरी जन्म के तीन सप्ताह के भीतर हो जानी चाहिए डॉक्टर का कहना था कि इस रोग से पीड़ित बच्ची को वीएसडी की समस्या नहीं थी इसलिए उसके हृदय की धमनियों को नहीं बदला गया और एट्रीयम चेंबर के खानों को आपस में बदल दिया गया जिसके बाद अब बच्ची का हृदय ठीक ढंग से काम कर रहा है और उसे सांस लेने में आसानी हो रही है।


