
नई दिल्ली| नियोक्ता अपने कर्मचारियों पर कोविड-19 का टीका लगवाने पर जोर नहीं दे सकते, यह फैसला है दिल्ली उच्च न्यायालय का|
अदालत की ओर से यह फैसला एक सरकारी शिक्षक की तरफ से कोविड-19 वैक्सीन लिए बिना बढ़ाने की अनुमति मांगने संबंधी याचिका पर दिया गया है|
बता दें कि न्यायमूर्ति प्रतिमा एम सिंह ने याचिकाकर्ता को सेवा लाभ के लिए संबंधित प्राधिकरण को एक ज्ञापन देने की अनुमति देते हुए राहत और निर्देश दिया है कि इस पर 30 दिनों के भीतर निर्णय लिया जाए| साथ ही अदालत ने इस मामले से संबंधित सभी लंबित आवेदनों पर निपटारा करते हुए कहा, नियोक्ता द्वारा टीके पर जोर नहीं दिया जा सकता|
याचिकाकर्ता ने 2021 में याचिका दायर कर मांग की थी कि उसे स्कूल में उपस्थित होने, शिक्षण का संचालन करने और अन्य जिम्मेदारियों को बिना कोविड-19 वैक्सीन लेने के लिए मजबूर किए जाने की अनुमति दी जाए|


