बेटे के जिद से परेशान पिता ने डीजीपी अशोक कुमार को लिखा पत्र, लिखा ‘मुझे आपसे एक सवाल भी है और शिकायत भी’

देहरादून| आजकल बच्चे एक दूसरे की देखादेखी में जिद पकड़ कर बैठ जाते हैं| ऐसा ही एक मामला देहरादून से आ रहा है| जहां बेटे की जिद से परेशान अभिभावक ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को पत्र लिखकर अपने सवाल का जवाब मांगा| सवाल की महत्ता को समझते हुए डीजीपी ने सवाल को उचित बताया और निदेशक यातायात को निर्देशित किया है कि सभी स्कूलों के बाहर चेकिंग करें और जागरूकता अभियान चलाएं| साथ ही स्कूल प्रबंधन से भी अनुरोध किया गया है कि वह बिना लाइसेंस वाहन चलाने वाले बच्चों को रोके|


अभिभावक ने पत्र में लिखा है, ‘मुझे आपसे एक सवाल है और शिकायत भी| मेरा बेटा अभी 11वीं में पड़ता है और उसकी उम्र अभी 18 नहीं है| उसके कई साथी स्कूटी या बाइक से स्कूल जाते हैं| जिस वजह से वह भी मुझसे बार-बार स्कूटी स्कूल ले जाने की जिद करता है| इसकी वजह से हमारे घर में कहासुनी हो जाती है| यह स्थिति महीने में दो से तीन बार बनती है| जिससे घर का माहौल अशांत हो जाता है| बेटे का कहना है कि यदि उसके दोस्तों के माता-पिता उनको बाइक लाने देते हैं तो मैं उसे स्कूटी क्यों नहीं| काफी समझाने के बाद भी वह नहीं मानता| उसका कहना व समझना है कि पुलिस कभी स्कूल के बच्चों को नहीं पकड़ती| शिकायतकर्ता पिता ने आगे लिखा है कि मैं एक रिटायर्ड फौजी हूं| शायद मैं भी एक दिन अपने बच्चे को बिना लाइसेंस के स्कूटी दे दूं, ताकि घर में शांति बनी रहे| यह बात सही है कि आज तक मैंने कभी अखबार में स्कूल के बच्चों की चेकिंग की खबर नहीं देखी| निवेदन करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल के बच्चे और स्कूल को भी चेतावनी देने के लिए एक अभियान चलाएं| पुलिस बच्चों को चेक नहीं करती इसलिए उनके हौसले बुलंद हो रहे हैं|’
इसके बाद पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने निदेशक यातायात को निर्देशित किया है कि सभी स्कूलों के बाहर चेकिंग और जागरूकता अभियान चलाया जाए| स्कूल प्रबंधन भी विद्यार्थियों को बिना लाइसेंस वाहन चलाने से रोके| जब तक लाइसेंस न बन जाए, तब तक उन्हें वाहन न दें| स्वजनों को इस बात का ध्यान देना चाहिए क्योंकि नाबालिगों को वाहन सपना उनकी और किसी दूसरे की जिंदगी खतरे में डालना है|