धामी सरकार का फैसला -: अब जंगलों की आग बुझाने के लिए मिलेगी प्रोत्साहन राशि

देहरादून| हर वर्ष जंगलों में भीषण आग लगती है| आग बुझाने में ग्रामीणों की अहम भूमिका रहती है| लेकिन इसके एवज में उन्हें कुछ नहीं मिलता| अब धामी सरकार पहली बार इस काम के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहन राशि देने जा रही है| इस योजना के प्रथम चरण में चीड़ बहुल वन प्रभावों को लिया जा रहा है|


इसमें वन पंचायतों का क्षेत्र भी शामिल होगा| इसके लिए वनाग्नि प्रबंधन समितियों का गठन होगा| बताते चलें कि प्रतिवर्ष राज्य के वनों में औसतन 2 हजार से 22 सौ वनाग्नि की घटनाएं होती है| इसमें हर साल करीब 3 हजार हेक्टेयर से अधिक जंगल जल जाते हैं| वर्ष 2022 में अब तक वनाग्नि के 2186 घटनाएं सामने आ गई है| जिसमें 3425.05 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा| जबकि इससे पूर्व 2021 में वनाग्नि की 2780 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज हुई थी| बीते सालों में सर्दियों के मौसम में भी वनाग्नि की घटनाएं हो चुकी है| इस समस्या से निजात पाने के लिए पहली बार ग्राम पंचायत स्तर पर वनाग्नि प्रबंधन समितियों का गठन किया जा रहा है| अभी तक तीन वन प्रभागों अल्मोड़ा, टिहरी और बागेश्वर में 48 वनाग्नि प्रबंधन समितियों का गठन किया जा चुका है| समिति में ग्रामीणों के साथ ग्राम पंचायतों, वन पंचायतों के सरपंच और वन कर्मियों को शामिल किया जा रहा है| प्रदेश में अकेले ही 11 हजार 300 वन पंचायतें हैं| इन्हें अस्थायी तौर पर आसपास के जंगलों की वनाग्नि से सुरक्षा की जिम्मेदारी मिलेगी| आग लगने पर यदि ये समितियां तत्परता दिखाते हुए आग बुझा देती है तो उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाएगी|