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दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को हाईकोर्ट से बीते मंगलवार को कोई भी राहत नहीं मिली। जिसके चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का 3 पेज का इस्तीफा मंगलवार को सामने आ गया है लेकिन इस इस्तीफे को पढ़कर ऐसा लगता है कि वह पहले से ही तैयार कर लिया गया था। इसकी भाषा इतनी सधी हुई है कि ऐसा लगता ही नहीं इसे सीबीआई हिरासत के दौरान लिखा गया हो और यह इस्तीफा टाइप किया गया है तथा उस पर कोई तारीख भी नहीं है। इसका मतलब साफ है कि मनीष सिसोदिया ने इस्तीफा पहले ही लिख दिया था और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी पहले से आभास हो गया था कि उपमुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हो सकती हैं इसकी आशंका मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सार्वजनिक रूप से जताई थी और बजट से संबंधित बैठकों में पिछले 1 वर्षों से परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत भी शामिल रहे इसलिए यह संभावना जताई जा रही है कि अगर सिसोदिया गिरफ्तार हो जाते हैं तो गहलोत बजट पेश कर सरकार के कामकाज को आगे बढ़ा सकते हैं। सिसोदिया के त्यागपत्र के कुछ प्रमुख तथ्य इस प्रकार हैं। उन्होंने लिखा है कि मुझे खुशी है कि 8 वर्ष में दिल्लीवासियों की जिंदगी में खुशहाली और समृद्धि लाने का जो काम आपके नेतृत्व में हुआ है एक मंत्री के नाते मुझे उसमें थोड़ी बहुत भूमिका निभाने का अवसर मिला है। विशेषकर शिक्षा मंत्री के रूप में मुझे जिम्मेदारी मिली, ईमानदारी और निष्ठा मेरे संस्कार में है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा भी सिसोदिया का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। यह पहले ही दे दिया गया था मगर मंगलवार को सामने लाया गया है उम्मीद जताई जा रही थी कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से उपमुख्यमंत्री को राहत मिल जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया और अब सिसोदिया के इस्तीफे को अलग-अलग पहलू से देखा जा रहा है।
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