सीएम सर, मम्मी-पापा डॉक्टर-इंजीनियर बनने के लिए दबाव बनाते हैं, उन्हें कैसे समझाएं? , मुख्यमंत्री धामी ने दिया यह जवाब..

युवा संवाद के दौरान विकासनगर की वंशिका ममगाई समेत कई छात्रों ने बेबाकी से प्रश्न किए तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अपने अनुभव को साझा करते हुए उनका उत्तर दिया|
बच्चों ने कहा कि मम्मी-पापा डॉक्टर-इंजीनियर बनने के दबाव बनाते हैं, उन्हें कैसे समझाए? इस पर सीएम धामी ने कहा कि तुम्हें अपने माता-पिता से यह कहना चाहिए कि अपने कॅरिअर में मैं जो भी करुंगी, वह अच्छा करूंगी| हमें कुछ बनने के लिए नहीं बल्कि देश-समाज के लिए सराहनीय काम करना है|


बताते चले कि मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में ‘हिल की बात: युवा संवाद’ कार्यक्रम में सीएम ने स्कूली छात्र-छात्राओं से संवाद किया|
इस दौरान बागेश्वर के दिव्यांग कंडवाल ने कहा कि उनके पिता राजनीति में थे| मम्मी की हमेशा शिकायत रहती थी कि वह परिवार को समय नहीं दे पा रहे हैं| परिवार को समय न दे पाने को लेकर शिकायत का कभी ऐसा समय आपके जीवन में आया?
तो इस पर सीएम धामी ने कहा यह बिल्कुल सच है यह समय बार-बार आता है, लेकिन राजनीति कोई पार्टटाइम जॉब नहीं है, इसके लिए बहुत कुछ बलिदान करना पड़ता है| यह प्रोफेशनल नहीं, मिशन है|


इस दौरान छात्रा भूमिका रावत ने पूछा कि देहरादून भारत की स्कूल राजधानी है, लेकिन उच्च शिक्षा के लिए लड़कियों को बाहर जाने को मजबूर होना पड़ता है?
इस पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि सरकार इस दिशा में गंभीर है और उच्च शिक्षा के विश्वस्तरीय संस्थान खोलेगी| रोजगार व स्वरोजगार की दिशा में काम हो रहा है| हमें 2025 तक उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाना है| इसके लिए छात्र-छात्राओं और युवाओं का भी सहयोग जरूरी है| साथ ही 2025 तक देवभूमि को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है|
कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने राज्य की लोक परंपरा एवं संस्कृति पर आधारित प्रस्तुतियां दी|