
उत्तराखंड राज्य में सरकार द्वारा बेटियों के पालन पोषण और उनकी उच्च शिक्षा के लिए उन्हें नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना का लाभ दिया जाता है। दरअसल बेटियों के पालन पोषण और शिक्षा में परिवार की आर्थिक स्थिति कभी भी बाधा ना बन पाए इसलिए सरकार ने यह योजना शुरू की मगर इस वर्ष इस योजना में कुछ बदलाव किए गए हैं। जिससे हजारों बेटियां इस योजना से वंचित हो चुकी है। यानी कि पिछले साल तक जिन दस्तावेजों के साथ छात्रा पात्र मानी जाती थी इस बार अपात्र मानी जा रही है। पात्रता की पुष्टि के लिए जो अतिरिक्त दस्तावेज मांगे गए हैं उन्हें बालिकाओं के स्वजन नहीं जुटा पा रहे हैं। इससे अकेले उत्तरकाशी जिले में ही 2000 से अधिक बेटियों के प्रभावित होने की आशंका है। बता दें कि नंदा गौरा देवी कन्याधन योजना की आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवंबर थी मगर करीब ढाई हजार आवेदन आने के बाद सरकार ने नवंबर के अंतिम सप्ताह में योजना के प्रारूप में बदलाव कर दिया। शासन ने इन आवेदनों को निरस्त कर अपने प्रारूप के अनुसार आवेदन का आदेश दिया है इसके लिए 30 दिसंबर 2022 अंतिम तिथि रखी गई है। नए प्रारूप में बालिका के माता-पिता की वर्ष 2011 की आर्थिक गणना की रिपोर्ट, खाता खतौनी की नकल, वाहन का विवरण, मकान का विवरण, सभी बैंक खातों की डिटेल, मनरेगा जॉब कार्ड में 3 वर्ष की रिपोर्ट, 3 वर्ष का बिजली, पानी का बिल आदि दस्तावेज शामिल है।
