सावधान -: चोरी-छिपे जंगलों में आग लगाई तो अब इसका अंजाम भुगतने के लिए हो जाएं तैयार, वन विभाग ने पूरी की तैयारी

बागेश्वर-: गर्मियों के दिनों में जंगलों में आग लगनी शुरू हो जाती है इसके कई कारण प्रकृतिक भी होते हैं तो कहीं अराजक तत्व भी होते हैं| अब चोरी-छिपे जंगलों में आग लगाने वालों के लिए वन विभाग ने तैयारी कर ली है| ऐसे अराजक तत्व वन विभाग की तकनीक से नहीं बच पाएंगे| विभाग ने ड्रोन के बाद माइक्रो कैमरे लगाने शुरू कर दिए हैं| पहले चरण में 1 दर्जन कैमरे लगाए गए हैं जो जंगल की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे| खबडोली और जौलकांडे के जंगलों में उसकी शुरुआत हुई है| रिजल्ट सही आने पर जिले में इसका इस्तेमाल फायर सीजन में किया जाएगा| बागेश्वर जिले में 66 हजार, 237 हेक्टेयर वन क्षेत्र है| जबकि पंचायती वन क्षेत्र लगभग 33 हजार हेक्टेयर है| हर साल गर्मियों के दिनों में आग लगने की घटना हर साल वन संपदा को नुकसान पहुंचाती है| जंगलों में अधिकतर मामलों में आग असामाजिक तत्वों द्वारा ही लगाई जाती है| जिसकी रोकथाम के लिए प्रभागीय वन अधिकारी हिमांशु बागरी की पहल पर जौलकांडे और खबडोली में माइक्रो कैमरे लगाए गए हैं| यह कैमरे इतनी सावधानी से लगाए गए हैं कि इनको लगाने का स्थान भी चंद अधिकारियों और कर्मचारियों को ही पता है जबकि अधिकांश स्टाफ को भी इससे दूर रखा गया है| यह कैमरे पेड़ों पर लगाए गए हैं जो कि नाइट विजन के हैं| इनका आकार अति सूक्ष्म होने के कारण यह किसी की नजर में भी नहीं आ सकते हैं| काफी दूर तक फोकस रखने वाले ये कैमरे कई दिनों की रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखते हैं तथा बरसात का इस पर कोई असर नहीं होगा| इस बार का प्रयोग सफल होने के बाद शीघ्र ही इसे पूर्ण जनपद में लगाया जाएगा ताकि वन कानून का उल्लंघन करने वाले हर व्यक्ति को कानूनी गिरफ्त में लिया जाए|
वन क्षेत्राधिकारी बागेश्वर श्याम स सिंह करायत ने कहा ‘प्रभागीय वन अधिकारियों के निर्देश पर बागेश्वर रेंज में माइक्रो कैमरे लगाए हैं साथ ही ड्रोन से भी वन्य गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है| यह प्रयास वन कानून का पालन कराने में काफी सफल साबित हो रहा है|’

One thought on “सावधान -: चोरी-छिपे जंगलों में आग लगाई तो अब इसका अंजाम भुगतने के लिए हो जाएं तैयार, वन विभाग ने पूरी की तैयारी

  1. Bageswar me kai dino se forest jal rahe hai , en karmachariyo per kab karwahe hogi? Hamare environment ki kitna nuksaan har saal hota hai but aaj tak kise forest ke karmachari per karwahe ya jail nahe hue?

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