Breaking News -: मुख्यमंत्री धामी ने राज्य मंत्री हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से किया बर्खास्त, भाजपा से 6 साल के लिए निष्कासित, ये लगे आरोप

देहरादून| सियासत में उठापलट माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने इस बार भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है| बता दें कि 2016 में 9 कांग्रेसी विधायकों के साथ हरक सिंह रावत, हरीश रावत का साथ छोड़कर भाजपा में आए थे| इसी कारण वह चर्चा में भी आए थे|

भाजपा ने ना सिर्फ उन्हें कोटद्वार से टिकट देकर उम्मीदवार बनाया, बल्कि कैबिनेट मंत्री पद से भी नवाजा| पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके लगभग 4 साल के कार्यकाल में हरक का 36 का आंकड़ा बना रहा| इसके अलावा कर्मकार बोर्ड की अनियमितताओं और नियुक्तियों को लेकर वे त्रिवेंद्र से सीधे- सीधे टकराते रहे| जब भाजपा ने त्रिवेंद्र को बदला तो एक बार उनकी महत्वाकांक्षा मुख्यमंत्री पद हासिल करने की भी रही, लेकिन तीरथ सिंह रावत और पुष्कर सिंह धामी की ताजपोशी से उनके सपनों पर पानी फिर गया| उनकी नाराजगी की खबरें लगातार और लंबे समय से आ रही है| एक और तो वह कोटद्वार की सीट बदलने और परिवार के तीन लोगों के लिए टिकट मांग रहे हैं| और वही लगातार दबाव बना रहे हैं| तो दूसरी ओर कांग्रेस में अपनी वापसी की राह भी प्रस्तुत करने में जुटे हैं|
रविवार को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत दिल्ली रवाना हो गए| इस दौरान मीडिया से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह हरीश भाई ने अपने पत्ते खोलने की बात कही है वैसे ही अभी मेरे पत्ते भी खुलने बाकी है| पिछले 3 दिन में हरक सिंह रावत दूसरी बार दिल्ली गई है| उनके अचानक दोबारा दिल्ली रवाना होने की बात पाते ही एक बार फिर सियासी हलचल शुरू हो गई है|
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशल ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर हरक सिंह पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण भाजपा से उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है|