देहरादून| राज्य के जिन किसानों के पास अब अपनी जमीन नहीं है उनके हाथों से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भी खिसक जाएगी| क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पाने वाले किसानों के लिए उनके नाम पर जमीन होना अनिवार्य कर दिया है|
राजस्व रिकॉर्ड के खाता खतौनी में किसान का नाम दर्ज नहीं हुआ तो उन्हें सम्मान निधि नहीं मिलेगी| इस योजना का लाभ ले रहे प्रत्येक किसान की खाता खतौनी की जांच होगी|
बताते चलें कि किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए केंद्र सरकार ने फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी| जिसमें प्रत्येक किसान को 1 साल में 6 हजार रुपये तीन किस्तों में दिए जा रहे हैं| पहले प्रदेश के 9.44 लाभ किसानों ने योजना का लाभ लिया| जिसमें कई अपात्र किसान भी सम्मान निधि का लाभ ले रहे थे| लेकिन अब केंद्र सरकार योजना में पारदर्शिता और पात्र किसानों को सम्मान निधि देने के लिए ईकेवाईसी के साथ जमीन के रिकॉर्ड का सत्यापन कर रही है| सम्मान निधि पाने वाले किसान का नाम राजस्व रिकॉर्ड के खाता खतौनी में होना अनिवार्य है| इसके बाद भी किसान को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिल सकेगा| अगर यह नियम पूरा नहीं होता है तो किसान को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा|