ऋषिकेश| 9 माह पूर्व एक महिला की ऑपरेशन से डिलीवरी हुई थी| यह मामला ऋषिकेश के एक निजी चिकित्सालय का है| इस मामले में चिकित्सक की बड़ी लापरवाही सामने आई है| पेट दर्द होने पर परेशान महिला ने दूसरी जगह जांच कराई तो पता चला कि ऑपरेशन के दौरान चिकित्सक और स्टाफ ने उसके मलद्वार में गौज पैड छोड़ दिया| महिला के परिवार वालों ने इस मामले में चिकित्सक पर उपचार के दौरान लापरवाही का आरोप लगाते हुए कोतवाली ऋषिकेश में तहरीर दी है|
ऋषिकेश निवासी अनिल जोशी ने इस संबंध में तहरीर देते हुए कहा कि उनकी भाभी को डिलीवरी कराने के लिए बीते वर्ष 22 दिसंबर को तिलक रोड ऋषिकेश स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था| जहां उनकी ऑपरेशन द्वारा डिलीवरी कराई गई| ऑपरेशन के बाद महिला के पेट में दर्द था| मल त्याग में परेशानी हो रही थी| इस पर उन्हें इस वर्ष 5 अगस्त को फिर से उसी अस्पताल की चिकित्सक को दिखाया गया| चिकित्सक ने उसे पेट की गर्मी का दर्द बताया और ग्लूकोस चढ़ा कर डिस्चार्ज कर दिया|
तहरीर में आरोप लगाया गया है कि इस वर्ष 17 अगस्त को जब उनकी भाभी की तबीयत अधिक बिगड़ गई तो उन्हें हिमालयन हॉस्पिटल जौली ग्रांट में भर्ती कराया गया| जहां उनका उपचार हुआ| 3 सितंबर को हिमालय हॉस्पिटल में चिकित्सक ने दर्द का कारण जानने के लिए जांच कराई तो, सब हैरान हो गए क्योंकि उन्हें पता चला कि पीड़िता के मलद्वार में गौज पैड फंसा है| जिसके बाद अस्पताल के चिकित्सक ने इसे निकाल दिया|
पीड़ित पक्ष का कहना है कि महिला की पूर्व में इस प्रकार की कोई मेडिकल हिस्ट्री नहीं है कि गौज पैड का मलद्वार के अंदर से निकलने का कोई कारण बने| इससे यह बात साफ है कि चिकित्सक ने लापरवाही के साथ महिला का ऑपरेशन किया जिसके गौज पैड शरीर के अंदर ही छूट गया| महिला पिछले कई माह से शारीरिक, मानसिक तथा आर्थिक परेशानी का सामना कर रही है| मलद्वार में गौज पैड होने से मलाशय में संक्रमण फैल चुका है| जिसकी रिपोर्ट भी उन्होंने शिकायत पत्र के साथ संलग्न की है| महिला के परिवार वालों ने संबंधित चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ पर ऑपरेशन के दौरान घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए पीड़िता को मुआवजा देने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है|