अध्ययन में हुआ बड़ा खुलासा -: दिल की जन्मजात बीमारी की गिरफ्त में आ रहे बच्चे

हल्द्वानी| मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के एक अध्ययन में यह पाया गया है कि बच्चे दिल की जन्मजात बीमारी की गिरफ्त में आ रहें है| इस अध्ययन में 12 नौनिहालों में जन्मजात हृदय रोग (क्रिटिकल कंजाइटल हार्ट डिजीज) का पता चला है|


इन बच्चों में कई बच्चे ऐसे थे जिन्हें तत्काल सर्जरी की जरूरत थी| बता दें कई बच्चों को जन्मजात हृदय संबंधी दिक्कत होती है| इसमें हृदय में छेद होना, वॉल्व खराब होना आदि शामिल है| कई बार समस्या का देर में पता चलने पर क्रिटिकल कंजाइटल हार्ट डिजीज के चलते कई बच्चों की मौत हो जाती है| मौतों को कम करने और बीमारी का समय पर पता लगाने के लिए मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विभाग की ओर से जनवरी 2021 से सितंबर 2022 तक 376 बच्चों का पल्स ऑक्सीमीटर अध्ययन किया|


इस संबंध में बाल रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. ऋतु रखोलिया का कहना है कि अध्ययन में कई चीजों को शामिल किया गया| बच्चे की उम्र, जेंडर, जन्म के समय वचन, ब्लड ग्रुप शामिल किया गया| माता-पिता की आयु, उनकी आर्थिक स्थिति, काव्य का ब्यौरा भी एकत्र किया गया| 376 बच्चों पर किए अध्ययन में 12 बच्चों में बीमारी का पता चला है| 4 बच्चे की हालत तुलनात्मक तौर पर ज्यादा गंभीर होने पर उन्हें तत्काल सर्जरी की जरूरत थी| डॉक्टर कहती है कि कई बार बच्चों को देखकर पता नहीं चल पाता कि उन्हें हृदय संबंधी बीमारी है| अचानक बच्चे का शरीर नीला पड़ना और सांस लेने की शिकायत होती है| कई बच्चों में लक्षण दिखाई देते हैं| ऐसे में अस्पताल में बच्चे का स्क्रीनिंग टेस्ट कराया जाना चाहिए|
बता दें बीमारी की पुष्टि होने के बाद 1 साल तक बच्चे का बाल सुरक्षा योजना के तहत पूरा इलाज फ्री होता है| अगर बच्चों में बीमारी का पता चल जाए तो समय रहते बेहतर इलाज कराना संभव होता है|