शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला -: नशा मिलने पर अब बच्चों को नहीं होगी जेल, पढ़ें पूरी खबर

देहरादून| उत्तराखंड के बच्चों को नशे की गिरफ्त से बचाने के लिए स्कूल स्तर पर जागरूक किया जाएगा| छठी से बारहवीं तक सिलेबस में संशोधन करते हुए नशे के दुष्प्रभावों को भी शामिल किया जाएगा|


सीएम धामी के निर्देश पर शिक्षा विभाग की ओर से इसकी तैयारी शुरू की जा रही है| नशीले पदार्थों के साथ पकड़े जाने वाले बच्चों को सुधारने के लिए प्रभावी रास्ता तलाशने के निर्देश भी दिए हैं| मौजूदा व्यवस्था में ऐसे संशोधनों का प्रयास किया जा रहा है जिससे बच्चों को जेल की बजाय नशामुक्त केंद्र भेजा जा सके|
बताते चले कि उत्तराखंड को नशे के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए सरकार ने वर्ष 2025 तक ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि’ बनाने का लक्ष्य है| अपर निदेशक माध्यमिक विद्यालय सिलेबस में संशोधन, ‘एंटी ड्रग्स कमेटी’ बनाने के लिए शिक्षा अफसरों को निर्देश जारी कर दिए हैं| सीएम धामी ने सभी विभागों को लक्ष्य पाने के लिए संयुक्त रूप से काम करने की जिम्मेदारी दी| गढ़वाल-कुमाऊं में एक-एक नशा मुक्त केंद्र भी स्थापित किया जाएगा| इसके तहत शिक्षा विभाग एक-एक छात्र को नशे के खिलाफ जागरूक करेगा|