देहरादून| हेमंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने ग्रेजुएशन-पीजी में नए अकादमिक सत्र के दाखिलों की तैयारियों के बीच अपनी 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों को इसी सत्र से असंबद्ध कर दिया है| यह निर्णय विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में लिया गया| जिसकी सूचना केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और राज्य सरकार को भेज दी गई है|
बता दें पुराने छात्र अभी विश्वविद्यालय का हिस्सा बने रहेंगे| लेकिन प्रथम सेमेस्टर के दाखिले गढ़वाल विश्वविद्यालय में मान्य नहीं होंगे|
दरअसल लंबे समय से इन अशासकीय डिग्री कॉलेजों को गढ़वाल विश्वविद्यालय से असंबद्ध करने की कवायद चल रही थी| जिसके लिए पिछले दिनों राज्य सरकार ने यह कहते हुए वेतन देने से मना कर दिया था कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के कॉलेजों को वह अनुदान क्यों दें?
इस बीच हाईकोर्ट में भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने याचिका दायर की| जिस पर हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को निर्णय लेने के लिए कहा| दोनों ने इस मामले पर बातचीत की और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एक पत्र गढ़वाल विश्वविद्यालय को भेजकर पूछा था कि इन कॉलेजों को कब से असंबद्ध कर सकते हैं|
मामले में कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल की अध्यक्षता में हुई परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया| जिसके मिनट्स विश्वविद्यालय ने जारी किए हैं|
तय किया गया कि सत्र 2023-24 से ही सभी 10 कॉलेज विश्वविद्यालय से असंबद्ध होंगे| इन कॉलेजों को विश्वविद्यालय ने 1 जुलाई 2012 से 30 जून 2023 तक संबद्धता दी हुई थी| इसकी जानकारी राज्य व केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को पत्र से भेज दी गई है| जिससे वह अपने स्तर से आगे की कार्रवाई कर सकें|
इस संबंध में कार्यकारी परिषद ने यह निर्णय लिया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी सभी संबद्ध और असंबद्ध कॉलेजों की सूचना वेबसाइट पर जारी करेगा| इन कॉलेजों में जो छात्र पहले से पढ़ रहे हैं वह विश्वविद्यालय से ही परीक्षाएं देकर डिग्री लेंगे, जबकि प्रथम सेमेस्टर के दाखिले गढ़वाल विश्वविद्यालय में मान्य नहीं होंगे|
इन असंबद्ध कॉलेजों में डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून, डीबीएस पीजी कॉलेज देहरादून, एसजीआरआर पीजी कॉलेज देहरादून, एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून, डीडब्ल्यूडी कॉलेज देहरादून, एमपीजी पीजी कॉलेज मसूरी, महिला विद्यालय डिग्री कॉलेज सतीकुंड कनखल हरिद्वार, चिन्मय डिग्री कॉलेज बीएचईएल रानीपुर हरिद्वार, राठ महाविद्यालय पैठाणी पौड़ी, बीएसएम कॉलेज रुड़की हरिद्वार शामिल है|
अब सवाल यह उठ रहा है कि गढ़वाल विश्वविद्यालय से नाता टूटने के बाद 10 एडिट कॉलेज कहां जाएंगे| ऐसे में फिलहाल उनके पास केवल श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय से संबद्धता का ही विकल्प है|