
नई दिल्ली| भारत के वैज्ञानिकों ने समुद्र के खारे पानी को पीने योग्य बनाने की स्वदेशी तकनीक विकसित कर ली है| इसकी जानकारी विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभारी डॉ जितेंद्र सिंह ने साझा की| संयंत्र को लक्षदीप में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया है| इस संयंत्र की क्षमता हर दिन 1 लाख लीटर पीने योग्य पानी बनाने की है| बताते चलें कि देश के तटीय इलाकों के साथ-साथ समुद्र के किनारे स्थित क्षेत्रों में पानी प्रचुर मात्रा में है| परंतु यह पीने योग्य नहीं है| जिस कारण समुद्र का पानी अक्सर खारा और अन्य खनिजों से भरपूर होता है| इसे पीने से कई तरह की बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है| इसलिए इस जल का पीने के रूप में उपयोग नहीं किया जाता| राज्यसभा में डॉ सिंह ने कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने अपनी स्वायत्त संस्थान राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान की मदद से समुद्र के पानी को पीने योग्य पानी में बदलने के साधन खोजने के लिए निरंतर शोध किया है|
