बागेश्वर:- हरेला पर्व हरियाली और पर्यावरण का प्रतीक

बागेश्वर। जिलाधिकारी आशीष भटगई की अध्यक्षता में बुधवार को बैजनाथ में वन विभाग द्वारा आयोजित हरेला पर्व एवं नदी उत्सव कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि दर्जा राज्य मंत्री शिव सिंह मौजूद रहे। उन्होंने हरेला पर्व को हरियाली और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक बताते हुए कहा कि इस पर्व के माध्यम से हमें पेड़ लगाकर प्रकृति की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए।
जिलाधिकारी आशीष भटगई ने कहा कि वृक्षारोपण केवल औपचारिकता न रह जाए, इसके लिए ‘मैक्सिमम सर्वाइवल ऑफ प्लांटेड ट्रीज’ पर बल दिया जाए। उन्होंने बताया कि जिले में “जन्मदिन वाटिका” की शुरुआत की जाएगी, जिसमें लोग अपने जन्मदिन पर पौधा लगाकर पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व निभा सकेंगे। नदी उत्सव के अंतर्गत गरुड़ क्षेत्र में गोमती नदी को चिह्नित किया गया है, जहाँ नालों की सफाई, चेक डैम निर्माण तथा नदी डिस्चार्ज को बढ़ाने हेतु ठोस कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने पॉलीथिन मुक्त अभियान को युद्धस्तर पर संचालित करने की आवश्यकता बताई और स्कूली विद्यार्थियों को वैज्ञानिक तरीके से पौधारोपण हेतु प्रेरित किया।
वन क्षेत्राधिकारी ध्रुव मर्तोलिया ने बताया कि हरेला पर्व उत्तराखंड की परंपरा में विशेष महत्व रखता है। यहाँ टहनी भी एक पौधे के रूप में विकसित होकर पर्यावरण को संजीवनी प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आज पूरे उत्तराखंड में 5 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह अभियान 15 अगस्त तक प्रत्येक रेंज, विद्यालयों तथा अन्य संस्थानों में सतत रूप से चलता रहेगा।
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों द्वारा वृक्षारोपण किया गया।
इस अवसर पर उपजिलाधिकारी गरुड़ प्रियंका रानी, वृक्ष प्रेमी जगदीश कुनियाल, खंड शिक्षा अधिकारी कमलेश्वरी मेहता, समाजसेवी बसंत जोशी तथा तहसीलदार गरुड़ निशा रानी सहित विभाग के अधिकारी, स्कूली छात्र-छात्राएं, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

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