उत्तराखंड राज्य में सर्द मौसम में भी पर्वतीय जिलों के जंगल लगातार जल रहे हैं। कड़ाके की ठंड में कत्यूर घाटी के जंगल आग से धधक रहे हैं जिससे जंगली जानवरों का रुख आबादी की ओर हो गया है और गांव में दहशत मची हुई है।
जंगल जलने के कारण चारों ओर धुंध भी फैल गई है जिससे कौसानी, बैजनाथ और ग्वालदम पहुंच रहे पर्यटकों को हिमालय के दीदार नहीं हो पा रहे हैं। सुबह-शाम कड़ाके की ठंड होने के बावजूद कत्यूर घाटी में जंगल जल रहे हैं। बता दे कि इस बार बारिश न होने के कारण भी जंगलों में तेजी से आग पकड़ रही है और लाखों की वन संपदा भी खाक हो रही है। आग लगने के कारण कई गांवो में गुलदार का आतंक बढ़ गया है जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल व्याप्त है। वही वन विभाग भी लाचार बना हुआ है कई बार बादल छा रहे हैं लेकिन बरसात नहीं हो रही है । वन विभाग ने समय रहते जंगल जलने पर नियंत्रण नहीं किया तो ठंड में और भी भयावह स्थिति हो सकती है। बैजनाथ के वन क्षेत्राधिकारी सुरेंद्र सिंह गढ़खेत के रेंजर हरीश खर्कवाल के अनुसार वनाअग्नि पर नियंत्रण के प्रयास किया जा रहे हैं और लोगों की चिंता भी ठंड में जंगल जलने के कारण बढ़ रही है