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बागेश्वर । जिलाधिकारी आशीष भटगई की अध्यक्षता में गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बागेश्वर एवं गरूड़ महायोजना-2041 के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। बैठक में स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर भोपाल के प्रतिनिधि द्वारा बागेश्वर व गरूड़ की महायोजना-2041 कांसेप्ट प्लान, ट्रांसपोर्टेशन, पब्लिक/सेमी पब्लिक लैंड यूज आदि के संबंध में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में महायोजना के अंर्तगत वर्तमान व भविष्य की जनसंख्या को देखते हुए आधारभूत सुविधाओं का विस्तार किया जाना प्रस्तावित है। जिसमें शिक्षा,स्वास्थ्य, बिजली,पानी,नेटवर्क कनेक्टिविटी,सिवरेज,बेहतर सड़क मार्ग सुविधाएं आदि कई व्यवस्थाएं एवं सुविधाओं के बारे में विचार विमर्श किया गया। जिले के दोनों प्रमुख स्थानों में भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए सभी मूलभूत सुविधाएं महा योजना से मजबूत होगी।
शहरीकरण के साथ ही क्या स्वरूप होगा, कितनी फ्लोटिंग जनसंख्या होगी, कौन-कौन से नये संस्थान यहां खुल सकते हैं,कितने परिवार वर्तमान में निवास कर रहे हैं तथा भविष्य में कितने और परिवारों के लिये व्यवस्था करने की जरूरत पड़ेगी, पानी की आपूर्ति की क्या व्यवस्था होगी, सीवरेज व्यवस्था, रोड नेटवर्क, ट्रैफिक व्यवस्था, पब्लिक ट्रांसपोर्ट आदि पर विस्तृत चर्चा हुई।
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को बागेश्वर व गरूड़ की महायोजना को अंतिम स्वरूप प्रदान करने से पहले सभी सम्बन्धित विभागों से आपसी सामंजस्य स्थापित कर कार्य करने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा कि यहां की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए योजना बनायी जाए। महायोजना-2041 के अन्तर्गत जो-जो व्यवस्थायें रखी गयी हैं, वे धरातल पर कितनी व्यावहारिक हैं, उस पर भी विचार कर लिया जाए। उन्होंने माइक्रो फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने पर बल देते हुए पशुपाल, मत्स्य, कृषि व उद्यानीकरण आदि क्षेत्र में स्वरोजागर के लिए कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने कीवी के साथ ही मेडिसन एरोमैटिक प्लांट की दिशा में कार्य करते हुए आजीविका संवर्द्धन के लिए रोजमैरी व अन्य औषधि पौधों के उत्पादन के लिए एनआरएलएम समूह की महिलाओं को भी प्रेरित करने का सुझाव दिया। इको व एडवेंचर टूरिज्म पर सम्भावना बताते हुए पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, एंगलिंग आदि क्षेत्र को भी महायोजना में शामिल करने का सुझाव दिया । स्वास्थ इकाइयों को सुदृढ बनाने पर भी बल दिया गया। कम्युनिटी मॉडल के तहत कार्य करने पर जोर देते हुए जिलाधिकारी ने जल संरक्षण व संवर्द्धन नदियों के संरक्षण की दिशा में कार्य करने को कहा। इस कार्य के लिए विभागीय सहयोग भी प्रदान किया जायेगा। इस दौरान संबंधित विभागों द्वारा महायोजना को लेकर अपने-अपने सुझाव भी दिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, प्रभागीय वनाधिकारी ध्रुव सिंह मर्तोलिया, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ कुमार आदित्य तिवारी, उपजिलाधिकारी मोनिका, जीतेंद्र वर्मा, परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, दलीप खेतवाल, किशन सिंह मलड़ा, मुख्य शिक्षा अधिकारी जीएस सौन, ईई लोनिवि संजय पांडे, एके पटेल, सिंचाई केके जोशी, जल संस्थान डीएस देवडी, जिल निगम वीके रवि समेत स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर भोपाल के डॉ गौरव वैद्य व अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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