बागेश्वर:- पांच द्विवसीय प्रशिक्षण में अधिवक्ताओं को तीन नए फौजदारी कानूनों का दिया गया प्रशिक्षण

बागेश्वर । उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर तथा उत्तराखण्ड न्यायिक प्रशिक्षण अकादमी, भवाली के आहवान पर जिला न्यायालय, बागेश्वर में जिला न्यायाधीश नरेन्द्र दत्त के मार्गदर्शन में बागेश्वर तथा गरुड़ बार एसोसिएशन में पंजीकृत समस्त अधिवक्ताओं का पांच द्विवर्षीय प्रशिक्षण सम्पन्न हो गया हैं ।


प्रशिक्षण में भारतीय संसद के द्वारा बनाये गये 03 नए फौजदारी कानूनों के सम्बन्ध में जिला न्यायाधीश नरेन्द्र दत्त के द्वारा सभी प्रतिभागी अधिवक्तागण को उक्त तीनों नए फौजदारी कानूनों के बारे में सविस्तार जानकारी दी गयी ।उन्होंने कहा कि उक्त तीनों ही कानून अधिवक्ताओं एवं न्यायिक अधिकारियों के लिए फौजदारी प्रक्रिया के दौरान मार्गदर्शन के लिए अति महत्पूर्ण साबित होंगे ।
पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बागेश्वर जनपद के अधिवक्तागण के द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया तथा पूरी उत्सुक्ता के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निभाई गई।


प्रशिक्षण के दौरान जिला न्यायाधीश,नरेन्द्र दत्त के अलावा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, गुंजन सिंह, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जयेन्द्र सिंह, सिविल जज (सी0डि0) नीरज कुमार, न्यायिक मजिस्ट्रेट, ऐश्वर्या बोरा तथा सिविल जज (जू0डि0) पुनीत कुमार के द्वारा प्रतिभागी अधिवक्तागण को उक्त तीनों ही नये बनाये गये कानूनों के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया । प्रतिभागी अधिवक्तागण का मूल्यांकन भी किया गया।
प्रतिभागी अधिवक्तागण में नरेन्द्र सिंह कोरंगा, विनोद भट्ट, चन्द्रशेखर मिश्रा, हरीश चन्द्र जोशी, ओम प्रकाश तिवारी, गोविन्द बल्लभ उपाध्याय, दिग्विजय सिंह जनौटी, चंचल सिंह पपोला, खड़क सिंह कार्की, मनोज कुमार जोशी, मोहन राम आर्या आदि के द्वारा मा0 उच्चतम न्यायालय, प्रशिक्षण अकादमी भवाली का प्रशिक्षण के लिए आभार व्यक्त किया गया।
विदित हो कि भारतीय संसद द्वारा 03 नए कानून फौजदारी विधि के सम्बन्ध में बनाये गये हैं, जिनके द्वारा पूर्व के 03 कानूनों यथा भारतीय दण्ड संहिता, 1860, भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 का स्थान लिया जायेगा तथा उक्त तीनों ही नये कानून दिनांक 01 जुलाई 2024 से लागू होने वाले हैं।