उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में एक बड़ी आबादी अवैध खनन के कारण खतरे के मुहाने पर आ खड़ी हुई है। बता दें कि जोशीमठ का मामला शांत नहीं हुआ और बागेश्वर में चिंता बढ़ने लगी है। यहां गोमती और सरयू नदी में अवैध खनन बढ़ता जा रहा है।
पुलों के नीचे से भी रेता निकाला जा रहा है जिससे पुलों की नींव प्रभावित हो रही है इसे लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। सरयू, गोमती, गरुड़, गंगा ,लाहूर समेत कई नदियों में अवैध रूप से खनन हो रहा है। नदी के किसी भी छोर से रेता निकाला जा सकता है और नगर क्षेत्र के अलावा आरे, बिलोना, हारसीला, सीमार, रूनीखेत आदि स्थानों पर अवैध खनन हो रहा है। नदी की गहराई बढ़ने से कई स्थानों पर पानी का रुख में बदल गया है जिससे हजारों नाली कृषि भूमि प्रतिवर्ष बह रही है। नदियों में लोडर मशीनों से खनन पर रोक है इसके बावजूद सर्दियों में खनन किया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है और खनन के कारण जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं। बरसात में यह गड्ढे पानी से भर जाते हैं और बाढ़ का खतरा भी बढ़ जाता है। जब यह मामला संज्ञान में आया तो राजस्व टीम को निर्देश दिए गए हैं कि लोडर मशीनों से खनन प्रतिबंधित है और जो लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए।